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Paddy Purchase Record : 97 लाख से अधिक मीट्रिक टन खरीदा धान समर्थन मूल्य पर

Paddy Purchase Record : More than 97 lakh metric tonnes of paddy purchased at support price

Paddy Purchase Record

रायपुर/नवप्रदेश। Paddy Purchase Record : CM भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल राज्य में किसानों से समर्थन मूल्य पर 97 लाख 97 हजार 122 मीट्रिक टन धान की खरीदी कर अपने पिछले साल के रिकार्ड को ब्रेक करते हुए एक नया रिकार्ड कायम किया है। राज्य में बीते साल 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। इस साल राज्य में एक दिसम्बर 2021 से शुरू हुआ धान खरीदी का महाअभियान आज 7 फरवरी को सफलता पूर्वक सम्पन्न हो गया।

बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 1 लाख से अधिक किसानों ने बेची धान

इस साल 21,77,283 किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचा है, जो बीते वर्ष धान बेचने वाले 20,53,600 किसानों की संख्या से 1,23,683 अधिक है। बारदाना संकट और जनवरी माह में बेमौसम बारिश के बावजूद भी राज्य में किसानों से बिना किसी व्यवधान धान खरीदी पूरा होना, अपने आप में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। 

बेमौसम बारिश से किसानों को मिला अतिरिक्त समय

राज्य में धान खरीदी के निर्विघ्न पूरा होने पर किसान संगठनों के पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों ने प्रसन्नता जताई है। बेमौसम बारिश की वजह से धान न बेच पाने वाले किसानों को धान बेचने का मौका दिए जाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा धान खरीदी की निर्धारित अवधि 31 जनवरी को बढ़ाकर 7 फरवरी किए जाने के लिए भी किसानों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया है।

किसान संगठनों ने CM को माना मित्रवत सरकार

किसान संगठनों के पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों का कहना है कि किसान हितैषी CM बघेल ने राज्य के किसानों को हर संभव मदद दी है। किसानों के हितों का ख्याल रखा है। उन्होंने धान खरीदी के लिए केन्द्र सरकार से राज्य की मांग के अनुसार बारदाना उपलब्ध न कराए जाने के बावजूद भी राज्य सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर भरपूर बारदाने का इंतजाम एवं केन्द्रों में धान खरीदी की चाक-चौबंद व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी मुख्यमंत्री एवं छत्तीसगढ़ सरकार के प्रति आभार जताया है। 

बीते तीन वर्षों में बढ़ी धान उत्पादक कृषकों की संख्या

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते बीते तीन सालों में राज्य में धान उत्पादक कृषकों की संख्या और उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जिसके चलते समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का रिकार्ड साल दर साल टूट रहा है। इस साल 97.97 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का नया रिकार्ड बना है। वर्ष 2021 में 92 लाख मीट्रिक टन धान,  वर्ष 2020 में 83.94 लाख मीट्रिक तथा 2019 में 80.37 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी।

इस साल खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान बेचने के लिए कुल 24,06,560 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिनके द्वारा बोए गए धान का रकबा 30 लाख 10 हजार 880 हेक्टेयर है। जबकि गत वर्ष पंजीकृत धान का रकबा 27 लाख 92 हजार 827 हेक्टेयर था। यदि एक साल के आंकड़े की ही तुलना की जाए तो धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या में लगभग सवा लाख तथा पंजीकृत धान के रकबे में 2 लाख 18 हजार की वृद्धि हुई है। 

खेती के प्रति दिखाया नया उत्साह

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य देने के साथ ही फसल उत्पादकता एवं फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना संचालित की जा रही है। इसके चलते राज्य ने खेती किसानी के प्रति किसानों में एक नया उत्साह पैदा हुआ है। खेती से विमुख हो चुके लोग भी अब फिर से खेती की ओर लौटने लगे हैं। जिसके चलते राज्य में किसानों की संख्या, खेती के रकबे और फसल उत्पादकता मेें लगातार वृद्धि होते जा रही है। साल दर साल समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के आंकड़े इसके प्रमाण हैं।

किसानों को मिली यह सुविधा

CM बघेल के मार्गदर्शन में राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ किसानों को तत्परता से भुगतान तथा खरीदे गए धान के उठाव एवं कस्टम मिलिंग की व्यवस्था के चलते किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने पाई।

किसानों की सहूलियत के लिए धान खरीदी केन्द्रों की संख्या भी 2311 से बढ़ाकर 2484 कर दी गई थी। जिससे किसानों को धान बेचने में आसानी हुई।

राज्य में धान खरीदी (Paddy Purchase Record) के लिए बारदाने की कमी के चलते किसानों को धान खरीदी के पहले दिन से ही अपने बारदाने में धान लाने की सुविधा दी गई। किसानों के बारदाने के मूल्य को भी 18 रूपए से बढ़ाकर 25 रूपए किया गया।

मिलर्स और पीडीएस की दुकानों से पुराने बारदाने की व्यवस्था कर धान खरीदी सुचारू रूप से जारी रही। इस साल किसानों से क्रय किए गए धान के एवज में उन्हें 19 हजार 83 करोड़ 97 लाख का भुगतान किया जा चुका है। 

समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन में जिलों की स्थिति

राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में राजनांदगांव जिला प्रदेश में अग्रणीय रहा है। राजनांदगांव जिले के 149 खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी के अंतिम तिथि 7 फरवरी तक सर्वाधिक  8 लाख 25 हजार 127 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है।

जांजगीर-चांपा जिला दूसरे क्रम पर रहा है यहां 8 लाख 24 हजार 552 मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ है। महासमुंद जिले ने 7 लाख 74 हजार 136 मीट्रिक टन धान की खरीदी कर तीसरे क्रम पर रहा है।

खाद्य सचिव टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान (Paddy Purchase Record) का उठाव और कस्टम मिलिंग का काम तेजी से जारी है। अब तक 64.43 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है। कस्टम मिलिंग करके भारतीय खाद्य निगम में 9.47 लाख मीट्रिक टन एवं नागरिक आपूर्ति निगम में 7.66 लाख मीट्रिक टन चावल जमा किया जा चुका है।

खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार

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