खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया
रायपुर/नवप्रदेश। धान खरीदी (paddy procurement) के मुद्दे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (chief minister bhupesh baghel) गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (president ramnath kovind) से मुलाकात करेंगे (to meet)। उनके साथ प्रदेश के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत भी होंगे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री (chief minister bhupesh baghel) की ओर से इस मुद्दे पर प्रधान मंत्री से मिलने का समय मांगा गया था लेकिन यह नहीं मिल सका। इसलिए अब राष्ट्रपति (president ramnath kovind) से मुलाकात कर मुख्यमंत्री अपनी बात रखेंगे। इस प्रस्तावित मुलाकात को लेकर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने नवप्रदेश को बताया कि राष्ट्रपति कार्यालय से मुलाकात (meet) के लिए समय मिल गया है। उनसे मांग की जाएगी कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ का चावल सेंट्रल पूल के लिए खरीदे।
राष्ट्रपति महोदय को बताएंगे 2500 रु. क्विंटल पर धान खरीदी से मजबूत हुई राज्य की अर्थव्यवस्था : भगत
भगत ने कहा कि राष्ट्रपति महोदय को बताया जाएगा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान को 2500 रुपए प्रति क्विंटल दाम दिए जाने से राज्य की अर्थव्यवस्था को कैसे मजबूती मिली। देश में मौजूद मंदी के माहौल का छत्तीसगढ़ पर कोई असर नहीं हुआ और सरकार के इस फैसले से ग्रामीण अंचलों के लोगों की क्रयशक्ति बढ़ी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि बोनस देने के कारण छत्तीसगढ़ से सेंट्रल पूल के लिए चावल नहीं खरीदा जाएगा। राज्य सरकार इसका विरोध कर रही है और उसने केंद्र के रुख के खिलाफ दिल्ली में भी आंंदोलन की तैयारी कर ली है।
सरकार का दिल्ली कूच अब 17 या 18 को, यात्रा मार्ग में भी बदलाव
इधर धान खरीदी (paddy procurement) के मसले पर बुधवार को प्रदेश कांग्रेस भवन में पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने प्रदेश पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों के साथ बैठक की। बैठक में नई तारीखों के साथ दिल्ली में होने वाले प्रदर्शन के लिए नई रूपरेखा भी बना ली गई है।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 17 या 18 नवंबर को कांग्रेसियों और किसानों को साथ लेकर दिल्ली की ओर कूच करेंगे। सड़क मार्ग से गाड़ियों का काफिला लेकर निकलेंगे और 20 नवंबर को दिल्ली पहुँचेंगे। पूरी संभावना है कि 20 नवंबर को ही दिल्ली में हल्ला-बोल प्रदर्शन होगा।
अब कवर्धा से मंडला, बीना होते हुए पहुंचेंगे भोपाल
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक नई तारीखों के साथ ही यात्रा मार्ग में परिवर्तन भी किया गया है। पहले जहाँ गोंदिया-नागपुर होते हुए भोपाल-ग्वालियर से दिल्ली पहुँचने की तैयारी थी, वहीं अब कवर्धा से मंडला, बीना होते हुए दिल्ली जाने की है। यात्रा के दौरान करीब 5 हजार वाहनों का काफिला रहेगा। इन वाहनों में करीब 25 हजार लोग सवार रहेंगे। हालांकि अभी कांग्रेस की ओर से अधिकृत तौर पर इसकी घोषणा नहीं की गई है। इससे पहले 13 नवंबर को दिल्ली रवाना होने की तैयारी थी लेकिन राम मंदिर मसले पर सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था।