नई दिल्ली, 11 जुलाई। Osaka World Expo : ओसाका वर्ल्ड एक्सपो 2025 में जब भारत का मंडप खुला, तो उसमें सिर्फ मॉडल्स नहीं थे – थी वो कल्पनाएं जो साकार हो चुकी हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस और चिनाब ब्रिज के मॉडल्स के सामने भीड़ उमड़ पड़ी। जापानी विजिटर्स ने जब जाना कि ये सब हकीकत में भारत में बनकर दौड़ रहा है, तो सिर्फ आंखें ही नहीं, मन भी खुल गया।
वंदे भारत और चिनाब ब्रिज ने जीता दिल
जापानी दर्शकों ने सराहा भारत की आधुनिक तकनीक, टिकाऊ निर्माण और डिज़ाइन विजन।
इंटरैक्टिव डिस्प्ले और डिजिटल एक्सपीरियंस
भारतीय मंडप में इमर्सिव डिजिटल तकनीक से दिखाई जा रही है रेलवे की परिवर्तनकारी यात्रा।
भारत की सोच ग्लोबल फोकस से मेल खा रही
Expo 2025 का थीम ‘Future Society for Our Lives’, और भारतीय रेलवे का विज़न – दोनों हो रहे हैं एक-दूसरे के (Osaka World Expo)पूरक।
खास रिपोर्ट:
ओसाका के युमेशिमा द्वीप पर चल रहे इस वर्ल्ड एक्सपो में भारतीय मंडप सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि विश्व को दिया जा रहा एक मैसेज है – कि भारत अब सिर्फ विकासशील नहीं, बल्कि तकनीकी दृष्टा बन चुका (Osaka World Expo)है। जहां एक ओर वंदे भारत ट्रेन यात्रियों को सुविधाजनक, तेज और स्मार्ट सफर दे रही है, वहीं दूसरी ओर चिनाब ब्रिज इंजीनियरिंग की उन सीमाओं को पार कर रहा है, जिन्हें कभी असंभव माना जाता था।
चिनाब ब्रिज: स्टील में गढ़ी गई ऊंचाई की परिभाषा
359 मीटर ऊंचाई – एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा
28,660 मेगाटन स्टील – अत्यधिक गर्मी और ठंड सहने वाला
निर्माण लागत ₹1,486 करोड़ – हर पैसा दर्शाता है भारत की इंजीनियरिंग ताकत