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धर्म संसद हंगामे पर आयोजक की सफाई, विवादित टिप्पणी पर कहा…

Organizer's clarification on Dharma Sansad uproar, demanding action by justifying the remarks

Dharm Sansad

रायपुर/नवप्रदेश।Dharm Sansad : महाराज कालीचरण के विवादित बयान के बाद राजधानी में आयोजित दो दिवसीय धर्म संसद 2021 देशभर में चर्चित हो गया है। राजनीतिक गलियारों के साथ ही संत समाज में भी इसे लेकर तूफ़ान मचा हुआ है।

आपको बता दें कि रविवार को संत कालीचरण के द्वारा गांधीजी पर विवादित टिप्पणी के बाद लगातार उन पर एफआईआर दर्ज हो रही है। छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कालीचरण महाराज पर FIR दर्ज करवाई है। वहीं नीलकंठ सेवा संस्था के पदधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग उठने लगी है।

इस बीच नीलकंठ सेवा संस्था के संस्थापक नीलकंठ त्रिपाठी ने मंगलवार को प्रेस वार्ता कर महाराज कालीचरण ( Dharm Sansad )द्वारा महात्मा गांधी पर अभद्र टिप्पणी की भर्त्स्ना की। उन्होंने कहा जो भी इसमें दोषी पाया जाता है उस पर शासन प्रशासन द्वारा कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके लिए उनकी संस्था भी साथ देने हमेशा तैयार है। त्रिपाठी की माने तो धर्म संसद फिरकिया जायेगा और उनकी संस्था लगातार सनातन धर्म के लिए कार्य करती रहेगी।

आयोजकों ने भी की कड़ी निंदा

धर्म संसद के आयोजक नीकंठ त्रिपाठी ने कालीचरण बाबा की टिप्पणी पर ऐतराज जताते हुए कार्रवाई की बात कही है। उनका मानना है कि आयोजन समिति को इस बात का इल्म नहीं था कि संत के द्वारा इस तरह के बयान दिए जायेंगे। उन्होंने कहा कि धर्म संसद में पहले ही बता दिया गया था कि मंच से किसी प्रकार का राजनीतिक बयानबाजी नहीं धर्म से सम्बंधित चर्चायें ही होंगी। लेकिन कालीचरण महाराज ने इतर बयान दिया वो निंदनीय है। त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने टिकरापारा थाने में जाकर पुलिस को सारी जानकारी दे दी है। ऐसे में आयोजकों पर कार्रवाई होना अनुचित है।

सनातन धर्म पर होना था चर्चा

नीलकंठ त्रिपाठी ने कहा कि धर्म संसद कोई राजनीतिक मंच नहीं था, यह सिर्फ सनातन धर्म के लिए आयोजित ( Dharm Sansad ) किया गया था। उन्होंने कहा, हम धर्म संसद में बस इस बात पर चर्चा करने वाले थे कि धर्म का विस्तार कैसे किया जाए और जो खंड-खंड में सनातनधर्मी बंटे हुए हैं, उन्हें एकजुट कैसे किया जाए। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी हिंदू-हिंदू तो करती रहती है लेकिन उन्हें यह समझाना पड़ेगा कि हिंदू-हिंदू करने से हिंदू धर्म मजबूत नहीं होगा, इसके लिए हिंदू और सनातन को समझना पड़ेगा। इसके लिए ही हमने धर्मगुरुओं को बुलाया था कि वे मंच से इन युवाओं को सनातन संबंधी दिशा निर्देश दें।

धर्म संसद में नेता और संत भी थे मौजूद

धर्म संसद ( Dharm Sansad )में छत्तीसगढ़ के सभी प्रमुख साधु-संतों के अलावा महाराष्ट्र से कालीचरण महाराज, हरिद्वार से प्रबोधानंद महाराज, काशी से राहुल गिरी महाराज, दिल्ली से प्रकाशानंद महाराज, जबलपुर से साध्वी विभा देवी और अयोध्या से रामदास महाराज के साथ और भी कई साधु संत मौजूद थे। साथ ही साथ धर्म संसद में कांग्रेस नेता और रायपुर के पूर्व मेयर प्रमोद दुबे, बीजेपी नेता सच्चिदानंद उपासने और गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष रामसुंदर दास के अलावा कई अन्य नेता भी मौजूद थे।

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