controversial statements: बांग्लादेश में तख्ता पलट की घटना के बाद से भारत में विपक्षी नेताओं के बीच विवादास्पद बयानबाजी की होड़ सी लग गई है। पहले पहल कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने यह बयान दिया कि जो बांग्लादेश में हो रहा है वह भारत में भी हो सकता है।
इसके बाद कांग्रेस के ही एक और वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने भी इसी तरह का विवादस्पद बयान दिया। अब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी बांग्लादेश के घटनाक्रम पर चिंता जताते हुुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनौती दी है।
उनका कहना है कि लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी कहा है कि बांग्लादेश में जो हुआ उससे भारत को सबक लेना चाहिए।
तानाशाही बहुत ज्यादा वक्त तक नहीं चलती। महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा है कि यहां तक युवाओं की भी बहुत समस्याएं हैं जिसे दूर करने की जरूरत है।
यदि आप लोगों के खिलाफ कानून बनाएंगे। तो उनके धैर्र्य की सीमा टूट जाती है और फिर आप को शेख हसीना की तरह देश छोड़कर भागना पड़ता है। कुछ अन्य विपक्षी नेताओं ने भी बांग्लादेश की घटनाक्रम को लेकर इसी तरह के भड़काऊ बयान दिए हैं।
इन नेताओं को इस तरह के बयानों से परहेज करना चाहिए। इन्हें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यहां लोकतंत्र की जड़ें इतनी गहरी हैं कि यहां अफगानिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश की तरह न तो कभी तख्ता पलट हो सकता है
और ना ही कभी हमारा देश अराजकता की आग में जल सकता है। इस तरह का बयान देकर वे देश में अशांति फैलाने की कोशिश ना करें।