Aaj Bebaak: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर सियासत न हो ऐसा हिन्दुस्तान में तो हो ही नहीं सकता। यहां तो लोगों को पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए की तर्ज पर सियासत करने का बहाना मिलना चाहिए। आठ माह पूर्व जिस विपक्ष ने जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था अब धनखड़ के इस्तीफे पर वहीं विपक्ष दुखी आत्मा बनकर कलप रहा है।
उनसे इस्तीफे की मांग कर चुका विपक्ष अब उनसे इस्तीफा वापस लेने की गुहार लगा रहा है। वाकई सियासत के खेल निराले हैं। यहां जानी दुश्मन भी दोस्तों से प्यारा हो जाता है।