पड़ोसी देश बांग्लादेश में जारी हिंसा, राजनीतिक अस्थिरता और आंतरिक हालात के मद्देनज़र राजधानी रायपुर में सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गई हैं। बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्या घुसपैठ की आशंका को देखते हुए रायपुर पुलिस ने मंगलवार तड़के राजधानी में एक साथ कई इलाकों में बड़ी कार्रवाई की।
इस विशेष अभियान को ‘ऑपरेशन समाधान (Operation Samadhan)’ नाम दिया गया, जिसके तहत एक हजार से अधिक बाहरी लोगों की पहचान और दस्तावेजों की तस्दीकी की गई। जांच के दौरान 100 से ज्यादा संदिग्धों को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन लाया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन संदिग्धों में से कुछ के बांग्लादेश या पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों से जुड़े होने की आशंका है। फिलहाल सभी से गहन पूछताछ जारी है और तकनीकी स्तर पर उनकी गतिविधियों की भी जांच की जा रही है।
दस्तावेज अधूरे, मोबाइल और डिजिटल गतिविधियों की जांच
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि बड़ी संख्या में संदिग्धों के पास पहचान पत्र, निवास प्रमाण और काम से जुड़े दस्तावेज या तो अधूरे हैं या संदिग्ध हैं। कई लोगों ने आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र तो दिखाए, लेकिन उनके पते और समय-सीमा को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके।
पुलिस ने सभी संदिग्धों के मोबाइल फोन जब्त कर उनके कॉल डिटेल, लोकेशन हिस्ट्री और डिजिटल गतिविधियों की तकनीकी जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक, कुछ मोबाइल नंबर ऐसे मिले हैं, जिनका संपर्क नेटवर्क सीमावर्ती राज्यों और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों तक फैला हुआ है।
इन इलाकों में मिले सबसे ज्यादा संदिग्ध
जांच के दौरान जिन इलाकों में सबसे ज्यादा संदिग्ध पाए गए, उनमें मोवा, खमतराई, टिकरापारा, उरला, सिविल लाइन और आसपास के औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं। यहां ये लोग ऑटो चालक, दिहाड़ी मजदूर, निर्माण श्रमिक और असंगठित क्षेत्र में छोटे-मोटे काम करते पाए गए। पुलिस ने साफ किया है कि जांच पूरी होने तक इन सभी पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और जरूरत पड़ने पर संबंधित एजेंसियों को भी सूचना दी जाएगी।
कब आए, कैसे आए, सवालों में उलझे संदिग्ध
पूछताछ के दौरान अधिकांश संदिग्ध यह स्पष्ट नहीं कर सके कि वे रायपुर कब और किस माध्यम से पहुंचे। कई लोगों ने सिर्फ इतना बताया कि वे एक-दो साल पहले काम की तलाश में आए थे, लेकिन इससे पहले कहां थे, इसका संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। यही विरोधाभासी बयान पुलिस के संदेह को और मजबूत कर रहे हैं।
सुबह 4 बजे से एक साथ छापेमारी
ऑपरेशन समाधान (Operation Samadhan) की शुरुआत सुबह करीब 4 बजे की गई। एसएसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह स्वयं अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे थे। शहर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में एक साथ टीमें भेजी गईं। सीएसपी स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में थाना प्रभारी, बीट स्टाफ और विशेष बल ने मौके पर जाकर लोगों की पहचान की और दस्तावेजों की जांच की। संदिग्ध पाए जाने पर सभी को पुलिस लाइन लाकर विस्तृत पूछताछ और सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की गई।
बांग्लादेश हिंसा से जुड़ी सुरक्षा चिंता
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बांग्लादेश में हाल के दिनों में भड़की हिंसा, पलायन और सीमा क्षेत्रों में हलचल को देखते हुए अवैध घुसपैठ की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। इसी कारण राजधानी और राज्य स्तर पर निगरानी (Operation Samadhan) बढ़ाई गई है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि इस तरह के सत्यापन अभियान आगे भी लगातार जारी रहेंगे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

