बालोद, 27 मई| Operation Maad Chhattisgarh encounter : छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में चुपचाप एक इतिहास रचा गया — ‘ऑपरेशन माड़’। नक्सलवाद के खिलाफ अबूझमाड़ के जंगलों में सुरक्षाबलों ने ऐसा वार किया कि एक झटके में दक्षिण बस्तर डिवीजन की रीढ़ टूट गई। 21 मई 2025 को हुई मुठभेड़ में 28 में से 27 नक्सली मारे गए, जिनमें सबसे बड़ा नाम था – बसवराजू, जिस पर सरकार ने 10 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
सड़ी हुई बॉडी, कोई दावा नहीं, अंतिम संस्कार
नारायणपुर पुलिस के मुताबिक, मारे गए नक्सलियों में से 8 के शवों का अंतिम संस्कार सुरक्षाबलों ने खुद किया, क्योंकि ना कोई परिजन आया, ना कोई कानूनी दावा किया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया –
“शव सड़ने लगे थे… किसी ने क्लेम नहीं किया… इसलिए अंतिम संस्कार जरूरी था।”
सुरक्षाबलों ने पूरे रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार (Operation Maad Chhattisgarh encounter)किया, पर ये संस्कार उस खौफनाक दौर का अंतिम अध्याय भी था जो इन माओवादी नेताओं ने आम लोगों पर थोपा था।
मारे गए ‘Most Wanted’ – 48 लाख के इनामी माओवादी भी ढेर
इस मुठभेड़ में कई बड़े इनामी नक्सली भी मारे गए, जिनमें शामिल थे:
रूपेश उर्फ कोलू (25 लाख) – 2009 मदनवाड़ा हमले का मास्टरमाइंड
जगदीश उर्फ रमेश (16 लाख) – माड़ डिवीजन (Operation Maad Chhattisgarh encounter)कमांडर
सरिता उर्फ बसंती (8 लाख) – पीपीसीएम सदस्य
इन तीनो के मारे जाने से नक्सल कमेटी को बड़ा नुकसान हुआ है|