Once again Lantern Baba becomes RJD’s national president: लालटेन वाले लालू बाबा लगातार तेरहवीं बार राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गये। वह भी लाठी के जोर से नहीं बल्कि लोकतांत्रिक और पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया से। अब उनके खिलाफ चुनाव मैदान में ताल ठोकने की किसी माई के लाल की मजाल नहीं हुई तो लालू का क्या कसूर है?
जल कुकड़ो का क्या है? वे तो इसे घर की खेती बताएंगे और राजद को एक पारिवारिक पार्टी बताकर इसका मजाक उड़ाएंगे। पारिवारिक पार्टी बनाना और उसे चलाना भी क्या कोई कम बड़ी बात है? इसके लिए तो लालू यादव को नोबल पुरस्कार के लेवल का पुरस्कार मिलना चाहिए।