शिमला/कुल्लू/नवप्रदेश। OMG News : हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ दल भाजपा को बड़ा झटका लगा है। पूर्व मंत्री व हिमाचल भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष खीमी राम शर्मा मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला की मौजूदगी में नई दिल्ली में खीमी राम ने कांग्रेस का दामन थामा।
पूर्व मंत्री खीमीराम शर्मा ने सक्रिय राजनीति में कदम रखने से (OMG News)पहले सरकारी स्कूलों में शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दीं। कॉलेज में छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रहे। जिला परिषद का चुनाव जितने के बाद अध्यक्ष बने। उन्होंने 2003 से 2012 तक दो बार कुल्लू जिले के बंजार विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में कार्य किया। 2007 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे। बाद में उन्हें हिमाचल भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 2011 में वे वन मंत्री के रूप में राज्य मंत्रिमंडल में रहे।
20 साल शिक्षक की नौकरी करने के बाद राजनीति में आए
खीमीराम कुल्लू जिले की पार्वती घाटी के फागू गांव के एक साधारण किसान परिवार से आते हैं। पांचवीं कक्षा तक की शिक्षा प्राथमिक विद्यालय छरोड़ से ग्रहण की। 10वीं कक्षा हाई स्कूल भुंतर से पास की और स्नातक की पढ़ाई डिग्री कुल्लू कॉलेज से की। उन्होंने कॉलेज में प्रथम स्थान प्राप्त किया था और प्रदेश के तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने उन्हें सम्मानित किया।
उन्होंने बीएड की पढ़ाई धर्मशाला से पूरी की। इसके बाद 1973 से 1993 तक कुल्लू जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों में टीजीटी शिक्षक के तौर पर कार्य किया। खीमीराम का सक्रिय राजनीति में प्रवेश 1999 में हुआ था और 2000 में उन्होंने जिला परिषद सदस्य के लिए अपना पहला चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2000 में वह जिला परिषद अध्यक्ष बने।
2009 में बने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
2003 में उन्हें बंजार विधानसभा क्षेत्र (OMG News) से भाजपा का टिकट मिला और उन्होंने चुनाव जीता और 2007 में उन्होंने फिर से बंजार से चुनाव जीता। 2007 में उन्हें सर्वसम्मति से विधानसभा उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। 2009 में उन्हें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनाया गया। 2011 में वह धूमल सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। 2012 के चुनाव में वह कांग्रेस के स्वर्गीय कर्ण सिंह से हार गए। वर्ष 2017 में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। खीमी राम सहित कई बड़े नेताओं को भाजपा ने दरकिनार कर दिया गया। 1 सितंबर, 2021 को खीमीराम ने अपने समर्थकों की मांग पर एक बैठक आयोजित करके 2022 का चुनाव हर हाल में लड़ने की बड़ी घोषणा की थी।