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संपादकीय: ओम बिरला ने रचा नया इतिहास

Om Birla created new history

Om Birla created new history


Om Birla created new history : 18 वीं लोकसभा में एक बार फिर ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष पद पर ध्वनिमत से निर्वाचित हो गए। भाजपा के शासनकाल में लगातार दो बार लोकसभा अध्यक्ष बनकर ओम बिरला ने एक नया इतिहास रच दिया। एनडीए प्रत्याशी के रूप में जब ओम बिरला ने स्पीकर पद के लिए नामांकन दाखिल किया था। तभी लोकसभा में एनडीए के संख्याबल को देखते हुए उनका स्पीकर बनना तय हो गया था। एनडीए की ओर से यह कोशिश की गई थी कि ओम बिरला का सर्वसम्मति से चयन को किन्तु आईएनडीआईए ने के सुरेश को लोकसभा अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार दिया।

लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की नौबत आ गई किन्तु आईएनडीआईए के घटक दलों ने के. सुरेश को मैदान में उतारे जाने का विरोध कर दिया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट के नेता शरद पवार ने इस पर नाखुशी जाहिर की और यह बयान दिया कि लोकसभा अध्यक्ष सर्वसम्मति से बनाना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस ने भी डिप्टी स्पीकर पद के लिए शर्त रखकर आईएनडीआईए की ओर से के सुरेश को प्रत्याशी बनाए जाने का न सिर्फ विरोध किया था बल्कि यह भी कहा था कि यह कांग्रेस का एकतरफा फैसला है। जिससे टीएमसी सहमत नहीं हैं। यह बात अलग है कि राहुल गांधी के ममता बनर्जी के साथ बात करने के बाद टीएमसी ने अपना स्टैंड बदल लिया था। और के सुरेश के पक्ष में मतदान करने की बात कह दी थी किन्तु लोकसभा में ेंमतदान की नौबत ही नहीं आई।

प्रोटेम स्पीकर ने ओम बिरला (Om Birla created new history) को ध्वनि मत से लोकसभा अध्यक्ष निर्वाचित कर दिया। विपक्ष ने वोटिंग की मांग नहीं की। बहरहाल अब ओम बिरला एक बार फिर लोकसभा के अध्यक्ष बन गए हैं। जिन्हें बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में अपने उद्बोधन के दौरान कहा कि ओम बिरला ने अपने पिछले कार्यकाल में सदन को बेहतर ढंग से चलाया है। उनके कार्यकाल में ही देश को नया संसद भवन मिला है। और इस सदन में कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं।

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को बधाई दी है। और कहा है कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि ओम बिरला विपक्ष के नेताओं को भी सदन में अपनी बात रखने का अवसर देंगे। लोकसभा मे आज पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी एकसाथ दिखे। इन दोनों ने ओम बिरला को ले जाकर लोकसभा अध्यक्ष की आसंंदी पर बिठाया और उन्हें शुभकामनाएं दी। ओम बिरला ने अपने निर्वाचन के लिए लोकसभा के सभी सदस्यों का अभार व्यक्त किया। ओम बिरला के सामने अब सदन को सुचारू रूप से चलाने की चुनौती है।

इस बार लोकसभा मेें विपक्ष बेहद मजबूत स्थिति मेें है। एनडीए और आईएनडीआईए में सिर्फ 60 सीटों का फर्क है। ऐसी स्थिति में अब विपक्ष जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगा। संसद सत्रों के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार और तीखी नोंकझोंक के कारण हंगामा होने के ज्यादा चांस रहेंगे। ऐसे में सदन की कार्यवाही बाधित होने की आशंका और ज्यादा बढ़ जाएगी। किन्तु स्पीकर ओम बिरला (Om Birla created new history) को सदन चलाने का पांच साल का अच्छा अनुभव है इसलिए वे सदन को सुचारू रूप से चलाने में सफल होंगे। यह उम्मीद की जानी चाहिए।

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