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Olympic Hockey Medal : भारत को हॉकी में मिला कांस्य पदक,41 साल बाद इंतजार खत्म…

Olympic Hockey Medal: India got bronze medal in hockey, wait is over after 41 years....

Olympic Hockey Medal

प्रधानमंत्री ने दी भारतीय टीम को बधाई

टोक्यो। Olympic Hockey Medal : भारत की पुरुष हॉकी टीम ने एक समय 1-3 से पीछे होने के बावजूद शानदार खेल दिखाते हुए 41 साल के अंतराल के बाद ओलंपिक पदक जीतने का गौरव हासिल किया है। भारत ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के लिए हुए रोमांचक मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराया।

भारतीय टीम सेमीफाइनल में बेल्जियम के हाथों हार गई थी। इसके बाद उसे कांस्य जीतने का मौका मिला था। जर्मनी के खिलाफ एक समय भारतीय टीम 1-3 से पीछे चल रही थी लेकिन सात मिनट में चार गोल करते हुए भारतीय खिलाड़ियों ने मैच की दिशा अपनी ओर मोड़ दी।

भारत के लिए सिमरनजीत सिंह (17वें, 34वें मिनट) ने दो गोल किए, जबकि हार्दिक सिंह (27वें मिनट), हरमनप्रीत सिंह (29वें मिनट) और रूपिंदरपाल सिंह (31वें मिनट) ने एक-एक गोल दागे जबकि जर्मनी के लिए तिमूर क्रूज (दूसरा मिनट), निकलास वालेन (24वें), बेनेडिक्ट फर्क (25वें मिनट) और लुकास विंडफेडर (48वें मिनट) ने एक-एक गोल किया।

इस हार के साथ जर्मनी के हाथों 2016 के रियो ओलंपिक के बाद लगातार दूसरा कांस्य जीतने (Olympic Hockey Medal) का मौका निकल गया।मैच का पहला गोल दूसरे मिनट में जर्मनी के तिमोर ओरुज ने किया। ओरुज ने एक बेहतरीन फील्ड गोल के जरिए अपनी टीम को 1-0 से आगे कर दिया।

जर्मनी ने इसी अंतर से दूसरे क्वार्टर में प्रवेश किया। सिमरनजीत सिंह ने हालांकि इस क्वार्टर की शुरुआत में ही 17वें मिनट में गोल कर स्कोर 1-1 कर दिया। यह एक फील्ड गोल था।

निकलास वालेन ने हालांकि 24वें और फिर बेनेडिक्ट फुर्क ने 25वें मिनट में गोल कर जर्मनी को एक बार फिर 3-1 से आगे कर दिया।

भारत ने भी हाल नहीं मानी और 27वें तथा 29वें मिनट में गोल कर स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया। 27वें मिनट में हार्दिक सिंह ने पेनाल्टी कार्नर पर गोल किया जबकि 29वें मिनट में भी पेनाल्टी कार्नर पर ही गोल हुआ जो हर्मनप्रीत सिंह ने किया। हाफटाइम तक स्कोर 3-3 था।

इसके बाद तो भारत नहीं रुका और एक के बाद एक गोल कर 5-3 की लीड ले ली। रुपिंदर पाल सिंह ने 31वें मिनट में पेनाल्टी स्ट्रोक पर भारत के लिए चौथा गोल किया जबकि हर्मनप्रीत सिंह ने 34वें मिनट में अपना दूसरा और टीम के लिए पांचवां गोल किया।

जर्मनी को धुल चटाने भारत की कड़ी मेहनत

जर्मन टीम भी हार मानने वाली नहीं थी। उसने 48वें मिनट में अपना चौथा गोल कर मैच में रोमांच ला दिया। जर्मनी के लिए यह गोल लुकास विंडफेडर ने पेनाल्टी कार्नर पर किया। अब स्कोर 4-5 हो चुका था। अंतिम समय में जर्मन टीम ने कई हमले किए लेकिन भारतीय डिफेंस मुस्तैद था। उसने तमाम हमलों को नाकाम कर स्कोर की रक्षा की और 41 साल (Olympic Hockey Medal) से चले आ रहे इंतजार को समाप्त किया। उल्लेखनीय है कि भारत ने अंतिम बार 1980 के मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। कांस्य पदक की बात की जाए तो भारत ने 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में नीदरलैंड्स को हराकर यह पदक जीता था।

भारत का चौथा पदक

टोक्यो में भारत का यह चौथा पदक है। भारत हॉकी के अलावा वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन और मुक्केबाजी में पदक जीत चुका है जबकि कुश्ती में रवि दहिया भारत के लिए रजत पदक पक्का कर चुके हैं। रवि गुरुवार को ही अपना फाइनल खेलेंगे। अगर वह जीत गए तो वह भारत के लिए व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले दूसर खिलाड़ी बन जाएंगे। इससे पहले 2008 में बीजिंग में अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाजी में स्वर्ण जीता था।

प्रधानमंत्री ने ट्वीटर हैंडल पर दी बधाई

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय टीम की जीत को ऐतिहासिक बताते हुए बधाई दी है। उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा – “ऐतिहासिक! एक ऐसा दिन जो हर भारतीय की याद में अंकित होगा।”
“कांस्य पदक जीतने के लिए हमारी पुरुष हॉकी टीम को बधाई। इस उपलब्धि के साथ, उन्होंने पूरे देश, खासकर हमारे युवाओं की कल्पना पर कब्जा कर लिया है। भारत को अपनी हॉकी टीम पर गर्व है।”

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