रायपुर/नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना (Kisan Nyay Yojna) वरदान साबित हो रही है। बीते खरीफ वर्ष 2019-20 में योजना की शुरुआत की गई थी। जिसमे किसानों को चार किश्त में राशि दे दी गई है। वही खरीफ वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पंजीयन की आश्यकता को ख़त्म कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य के किसानों (Kisan Nyay Yojna) को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत सहजता से पंजीयन एवं इसका लाभ प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन के कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग मंत्रालय द्वारा इस योजना की गाईडलाइन में आंशिक संशोधन किया गया है। जिसके अनुसार संयुक्त खातेदार कृषकों को पंजीयन के लिए सिर्फ स्व-घोषणा पत्र देना होगा। पूर्व में जारी गाईडलाइन के अनुसार संयुक्त खातेदार कृषकों के पंजीयन के लिए आवेदन पत्र के साथ समस्त खाताधारकों की सहमति सह-शपथ पत्र तथा अन्य आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत करने की बाध्यता को विलोपित कर दिया गया है। अब संयुक्त खातेदार कृषकों को सिर्फ स्व-घोषणा पत्र देना होगा।
किसान अब देंगे स्व-घोषणा पत्र
छत्तीसगढ़ शासन के कृषि मंत्रालय द्वारा इस संबंध में संशोधित आदेश जारी करते हुए कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना (Kisan Nyay Yojna) के लाभार्थी किसानों को जिन्होंने खरीफ वर्ष 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय के लिए पंजीयन कराया था, उन किसानों को योजनांतर्गत पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है। खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को योजनांतर्गत पंजीयन कराना है।
खरीफ वर्ष 2020-21 (Kisan Nyay Yojna) में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि वह उस रकबे में धान के बदले योजना में सम्मिलित अन्य फसल लगाता है, तो उसे योजनांतर्गत पंजीयन कराना होगा। संयुक्त खातेदार कृषकों का पंजीयन नंबरदार के नाम से किया जाएगा एवं इस संबंध में अब सिर्फ स्व-घोषणा पत्र देना होगा। संयुक्त सचिव कृषि के.सी. पैकरा ने संशोधन आदेश के अनुसार पंजीयन की कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा है।
किसानों की आय में हुई वृद्धि
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में फसल विविधीकरण, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि फसल के काश्त लागत की प्रतिपूर्ति कर किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत खरीफ 2021 से लागू प्रावधानों के क्रियान्वयन को लेकर 29 मई 2021 को गाइडलाइन जारी की गई थी। जिसके तहत राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत सभी श्रेणी के भू-स्वामी और वन पट्टाधारी कृषक पात्र होंगे। संस्थागत भू-धारक, रेगहा, बटाईदार और लीज खेती करने वाले कृषक इस योजना के पात्र नहीं होंगे। इस योजना के तहत खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रतिवर्ष प्रति एकड़ के मान से 9000 रुपए आदान सहायता राशि दी जाएगी।
वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान अन्य फोर्टिफाइड धान, केला, पपीता लगाता है अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10000 रुपए के मान से आदान सहायता मिलेगी। वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को 3 वर्ष तक आदान सहायता दी जाएगी। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के पोर्टल https://rgkny.cg.nic.in पर 30 सितंबर तक पंजीयन कराना होगा।