रायपुर, नवप्रदेश। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर में चल रहे ऑनकैंपस प्लेसमेंट प्रोसेस में विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनिया प्लेसमेंट के लिए आ रही है। इसी कड़ी में प्रोविडेंस इंडिया ने संस्थान के अंतिम वर्ष के संगणक अभियांत्रिकी विज्ञान विभाग के छात्रों वासु सोनी, सोगनूर जया कृष्णा और पर्सिस एनी एंटनी,
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के छात्र आयुष्मान सत्पथी, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार अभियांत्रिकी विभाग के छात्र मदुरई सत्या रोहित कुमार, और विद्युत अभियांत्रिकी विभाग के छात्र चिरायु माते का चयन डेटा इंजीनियर-1 के रूप में किया है और 27 लाख तक का सालाना पैकेज ऑफर किया है।
संस्थान के संगणक अभियांत्रिकी विज्ञान विभाग के वासु सोनी ने बताया कि उन्होंने पहली बार अपने द्वितीय वर्ष में ऐप डेवलपमेंट के बारे में जाना था और उसी समय से ही उनका ऐप डेवलपमेंट के क्षेत्र में रूझान बढ़ गया ।
इसके बाद अपने तृतीय वर्ष में उन्होंने इंटरव्यू के लिए अपनी तैयारी पर ध्यान देना शुरू किया और अपनी कोडिंग कौशल में सुधार किया। ऐप डेवलपमेंट में रुझान और समझ के कारण उन्हें आईआईटीएन्स नामक स्टार्टअप में ऑफ-कैंपस के माध्यम से ऐप डेवलपर के रूप में इंटर्नशिप प्राप्त हुई।
वासु सोनी संस्थान के टूरिंग क्लब ऑफ़ प्रोग्रामर्स द्वारा आयोजित कोडउत्सव के प्रतिभागियों में से एक थे, जिसमे उन्होंने मेन्टल हेल्थ ऐप बनाया था। उन्हें स्मार्ट इंडिया हैकथॉन के फाइनलिस्ट के रूप में भी चुना गया था।
वासु सोनी ने अपनी सफलता पर संस्थान को, संस्थान के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के साथ ही संगणक अभियांत्रिकी विज्ञान विभाग के शिक्षकों और अपने सीनियर्स को धन्यवाद दिया।
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के छात्र आयुष्मान सत्पथी ने अपने संस्थान के प्रथम वर्ष से प्रोविडेंस इंडिया में डेटा इंजीनियर-1 बनने तक के सफर को साझा किया और बताया कि उन्होंने अपने कोडिंग कौशल में निखार लाने एवं उसे और अच्छा करने के लिए लीटकोड पर विभिन्न प्रकार के कोडिंग सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के छात्र आयुष्मान सत्पथी ने अपने संस्थान के प्रथम वर्ष से प्रोविडेंस इंडिया में
डेटा इंजीनियर-1 बनने तक के सफर को साझा किया और बताया कि उन्होंने अपने कोडिंग कौशल में निखार लाने एवं उसे और अच्छा करने के लिए लीटकोड पर विभिन्न प्रकार के कोडिंग प्रश्नो को हल किया और अपनी गलतियों में सुधार किया। उन्होंने अपनी समर इंटर्नशिप ऑरेकल में की थी।
इससे पहले, वह बैंगलोर में एजुसिस नामक कंपनी में भी इंटर्नशिप कर चुके थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने इंटरव्यू की तैयारी के लिए मायएसक्यूएल, ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग और विभिन्न तकनीकी विशेषताओं से संबंधित बहुत सारे थ्योरी प्रश्न गीक्स-फॉर-गीक्स जैसी वेबसाइटों के माध्यम से सीखे और अपने संचार कौशल में भी सुधार किया।
आयुष्मान सत्पथी ने अपनी सफलता पर संस्थान को, संस्थान के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के शिक्षकों को भी धन्यवाद दिया।
विद्युत अभियांत्रिकी विभाग के छात्र चिरायु माते ने अपने प्लेसमेंट के सफर को साझा किया और बताया कि उन्होंने अपनी कोडिंग की शुरुआत अपनी सहपाठियों की तुलना में बहुत देरी से छठे सेमेस्टर से की। उन्होंने दैनिक जीवन के अन्य कार्यों के अलावा रोजाना कम से कम 4-5 प्रश्नों को हल करने का सुझाव दिया।
अपनी प्रोग्रामिंग कौशल में सुधार करने के लिए उन्होंने मुख्य रूप से दो प्लेटफॉर्म लीटकोड और बाइनरी सर्च का इस्तेमाल किया। प्रोग्रामिंग से संबंधित थ्योरी और बेसिक्स को स्पष्ट करने के लिए जावाटीपोईन्ट और डब्लूथ्रीस्कूल जैसी वेबसाइटों ने उनकी मदद की।
उन्होंने अपने तीसरे वर्ष में बैंगलोर स्थित स्टार्टअप कंपनी इनसेन एआई में 3 महीने की इंटर्नशिप की जिसमें उनकी भूमिका पाइथन प्रोग्रामर और गेम डेवलपर की थी। अपने साक्षात्कार में उनसे पाइथन, हैशमैप्स, रनिंग कम्प्लेक्सिटीज़ आदि के बारे में पूछा गया। उन्होंने अपने शिक्षकों और दोस्तों को एक कोडिंग वातावरण बनाने और लगातार समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया और संस्थान एवं संस्थान के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल को प्लेसमेंट का अवसर प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया।
प्रोविडेंस इंडिया ने संस्थान में एक ऑन-कैंपस प्लेसमेंट सत्र आयोजित किया, जिसमें कुल 6 छात्रों का सफलतापूर्वक प्लेसमेंट हुआ। प्लेसमेंट सत्र का पहला राउंड एक ऑनलाइन असेसमेंट टेस्ट था जिसमें कौशल, डेटा माइनिंग, डेटा वेयरहाउसिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, डीएसए (डेटा स्ट्रक्चर एंड एल्गोरिथम), एसक्यूएल आदि से संबंधित प्रश्न शामिल थे।
दूसरे राउंड में एक के बाद एक दो साक्षात्कार आयोजित किए गए। पहला साक्षात्कार बायोडाटा, प्रोजेक्ट्स और डीएसए के प्रश्नों पर आधारित था। दूसरा साक्षात्कार प्रोविडेंस इंडिया के प्रबंध निदेशक के साथ आयोजित किया गया था जिसमें कुछ सिस्टम डिज़ाइन के प्रश्नों के साथ डेटा साइंस और एसक्यूएल की समस्याओं पर चर्चा शामिल थी।
चयन प्रक्रिया के दोनों दौर को पूरे करने वाले संस्थान के छह छात्रों को प्रोविडेंस इंडिया की तरफ से छह महीने की इंटर्नशिप और 27 लाख तक का सालाना पैकेज ऑफर किया गया।