रायपुर, नवप्रदेश। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रायपुर के अंतिम वर्ष के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के छात्र साहिल सिलारे, सूचना प्रौद्योगिकी के छात्र सौरभ मिश्रा , और माइनिंग इंजीनियरिंग की छात्रा अरुशी आनंद, को यूएसए स्थित वैश्विक तकनीकी दिग्गज
एडोब में तकनीकी स्टाफ-1 के सदस्य के रूप में नौकरी की पेशकश प्राप्त हुई है, जो किसी अन्य कंपनी में एक सॉफ्टवेयर डेवलपर इंजीनियर के समकक्ष है। इन छात्रों का चयन कैंपस प्लेसमेंट के जरिए किया गया।
सूचना प्रौद्योगिकी के छात्र सौरभ मिश्रा ने बताया कि उन्होंने अपना पूरा ध्यान कॉम्पिटेटिव कोडिंग तथा डेटा स्ट्रक्चर एंड एल्गोरिथम (डीएसए) में लगाया तथा लीट कोड व कोड फोर्सेस जैसे प्लेटफ़ॉर्म ने उनकी काफ़ी मदद की।
आगे उन्होंने बताया कि प्लेसमेंट सेशन के तीन महीने पहले ही उन्होंने एक रोडमैप बनाकर उसपे काम करना शुरू किया जिससे उन्हें इंटरव्यू राउन्ड में फायदा हुआ तथा मुख्यतः एडोब के लिए उन्होंने 1 महीने पहले तैयारी शुरु की । उन्हें एडोब कंपनी से इंटर्नशिप ऑफर प्राप्त हुआ जो कि बाद में प्री-प्लेसमेंट ऑफर में बदल गया ।
उन्होंने अपनी सफलता पर संस्थान के तथा आई.टी. डिपार्टमेंट के प्रोफेसरों को धन्यवाद दिया तथा मुख्यतः उन्होंने बताया कि संस्थान के ट्यूरिंग क्लब ऑफ प्रोग्रामर्स ने उनकी काफ़ी मदद की तथा कोविड-19 के समय में किस तरह से क्लब की वजह से वे सीनियर्स से जानकारी प्राप्त कर सके । मि. सौरभ मिश्रा को एडोब कंपनी से 55 लाख सालाना सी.टी.सी. का ऑफर प्राप्त हुआ।
कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के साहिल सिलारे ने कोडिंग में अपनी रुचि के बारे में बताया और कहा कि उनकी रुचि हमेशा से कंप्युटर के प्रति रहा है। उनका लक्ष्य हमेशा एक बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी में एक सॉफ्टवेयर डेवलपर बनना रहा है।
उन्होंने अक्टूबर से दिसंबर 2020 में रायपुर स्थित एक स्थानीय स्टार्टअप सोशल निंजा में इंटर्नशिप की थी; एवं कोड नाइसली में जनवरी से जुलाई 2021 तक, यह भी रायपुर में ही स्थित है ।
वे संस्थान और संस्थान के शिक्षकों को अमूल्य अवसर प्रदान करने का श्रेय देते हैं, जिससे उन्हें पूरी प्रक्रिया में मदद मिली। मि. साहिल ने सफलतापूर्वक एडोब में 55 लाख सी.टी.सी. का पैकेज प्राप्त किया ।
माइनिंग इंजीनियरिंग की आरुषि आनंद की कक्षा 11वीं और 12वीं से ही कोडिंग में रुचि थी। उन्होंने बताया कि कैसे एक नॉन-कोर ब्रांच से होने के बावजूद, उन्होंने विभिन्न पाठ्यक्रमों को पूरा करके और डेटा स्ट्रक्चर एंड एल्गोरिथम (डीएसए) पर काम करके और लॉकडाउन में कोडिंग टेस्ट देकर अपने कोडिंग और विकास कौशल को विकसित करके स्थिति का अधिकतम लाभ उठाया।
उनका चयन एडोब द्वारा शीकोड्स की प्रेजेंस एक्रॉस नेशन (पैन) इंडिया प्रोसेस के माध्यम से किया गया था, जो महिला कोडर के लिए विशिष्ट है और सीमित कॉलेजों में उपलब्ध है। उन्होंने एडोब में ही 2 महीने की इंटर्नशिप की है। सुश्री अरुशी ने उन्हें ऐसा अमूल्य अवसर प्रदान करने के लिए संस्थान और उसके प्लेसमेंट सेल को श्रेय दिया जो उनकी सफलता के लिए सहायक था और 55 लाख सालाना सी.टी.सी. के साथ उनका सफलतापूर्वक एडोब में प्लेसमेंट हुआ।
एडोब का ऑन-कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से आना हुआ, जिसके लिए सभी छात्रों ने आवेदन किए । पहले दौर के बाद 10-15 लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया था, जो एक ऑनलाइन असेसमेंट टेस्ट था, जिसमें बहुवैकल्पिक प्रश्न और 2 कोडिंग प्रश्न शामिल थे। राउंड टू में एक-से-एक साक्षात्कार एडोब का ऑन-कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से आना हुआ,
जिसके लिए सभी छात्रों ने आवेदन किए । पहले दौर के बाद 10-15 लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया था, जो एक ऑनलाइन असेसमेंट टेस्ट था, जिसमें बहुवैकल्पिक प्रश्न और 2 कोडिंग प्रश्न शामिल थे।
राउंड टू में एक-से-एक साक्षात्कार शामिल थे, जिसमें साक्षात्कारकर्ताओं को उनके विकास कौशल, अनुप्रयोग, बैकएंड और फ्रंटएंड पर परीक्षण किया गया था। एक डीएसए प्रश्न भी पूछा गया था और उसे हल करना था और मौके पर साक्षात्कारकर्ता को समझाना था । दोनों राउंड के बाद केवल 3 लोगों को एडोब में नौकरी के लिए चुना गया|