रायपुर, नवप्रदेश। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर के वास्तुकला विभाग द्वारा इक्कीसवीं सदी में आवास की चुनौतियों, नीतियों और रणनीतियों पर 29 और 30 अक्टूबर, 2022 को दो दिवसीय ऑनलाइन इंटरनेशनल कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है ।
कार्यक्रम के उदघाटन अवसर पर एनआईटी रायपुर के डीन (अकादमिक)डॉ. श्रीश वर्मा और डीन(छात्र कल्याण) डॉ. पी. वाई. ढेकने सम्माननीय अतिथि रहे। इस दौरान आर्किटेक्चर विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. स्वस्ति स्थापक भी उपस्थित रही |
आर्किटेक्चर विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. देवाशीष सान्याल, इस कार्यक्रम के अध्यक्ष रहे। आर्किटेक्चर विभाग की सहायक प्राध्यापक, डॉ. वंदना अग्रवाल,सुश्री श्रुति एस. नगदेवे, और श्री सायोन परमाणीक इस आयोजन के सचिव रहे।
शहरी और क्षेत्रीय विकास संस्थान वरसाव , माज़ोविकी, पोलैंड की उप निदेशक डॉ. अलेक्जेंड्रा जादाच सेपियोलो, और यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रोनिंगन, नीदरलैंड्स के योजना विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. सी. (क्रिस्चन) जुइदेमा इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रहे।
गीतम स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर के निदेशक, डॉ. मोहन के., एनआईटी तिरुचिरापल्ली के प्रोफेसर, डॉ. जी सुब्बायन, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ. निर्मिता मेहरोत्रा, और एमएनआईटी जयपुर की एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. कल्पना पंडित कार्यक्रम के विशेषज्ञ वक्ता रहे।
इस कांफ्रेंस की शुरुआत सभी प्रतिभागियों और सम्मानीय अतिथियों के स्वागत से हुई , जिसके बाद डॉ. श्रीश वर्मा ने कांफ्रेंस के सफल आयोजन के लिए
आयोजन समिति को अपनी शुभकामनाएं दी और डॉ पी. वाई. ढेकने ने वर्तमान आवास व्यवस्था से जुड़े हुए अपने महत्वपूर्ण विचार सभी के साथ साझा किये | इसके बाद इस कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. देवाशीष सान्याल ने कांफ्रेंस की रूपरेखा के बारे मैं सभी को जानकारी दी |
इस कांफ्रेंस की मुख्य वक्ता शहरी और क्षेत्रीय विकास संस्थान वरसाव , माज़ोविकी, पोलैंड की उप निदेशक डॉ. अलेक्जेंड्रा जादाच सेपियोलो ने 21वी सदी की शहरी आवास व्यवस्था से जुड़े हुए विभिन्न पहलुओं और चुनोतियों पर प्रकाश डाला |
उन्होंने शहरों मैं बढती जनसँख्या , आवास के लिए उपयुक्त भूमि की कमी , और निर्माण सामग्रियों के बढ़ते दाम और इसकी निरन्त कमी को वर्तमान समय की चुनौती बताया | विश्व के विभिन्न शहरों पर किये गए अपने शोध के आधार पर उन्होंने आवास सम्बन्धी इन समस्याओं के निवारण हेतु कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए |
उन्होंने सस्ते और रियायती घरों के निर्माण सभी घरों मैं रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम , ईको फ्रेंडली घरों का निर्माण और ऊर्जा खपत कम करने वाली तकनीकों का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग का सुझाव दिया |
इस कांफ्रेंस मैं देश भर के विभिन्न आई. आई. टी. और एन.आई टी. सहित प्रतिष्ठित संस्थाओं के 45 प्रतिभागी शामिल हुए और अपने शोधपत्र प्रस्तुत किये | इस कांफ्रेंस को चार ‘ट्रैक (सत्रों) ‘ में विभाजित किया गया ।
पहले ट्रैक में वृद्धिशील आवास, परिवर्तनीय आवास पर चर्चा की गई। दूसरे ट्रैक में आवास और नियोजन व्यवस्था पर छोटे और लंबे प्रभाव पर चर्चा की गई। तीसरे ट्रैक में मॉड्यूलर हाउसिंग, कंटेम्पररी हाउसिंग और वैकल्पिक निर्माण सामग्री और तकनीकों पर चर्चा की गई।अंतिम ट्रैक में जलवायु रेसिलैन्स, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों, के बारे में चर्चा की गई।