NIT Raipur : एनआईटी रायपुर के सात प्रोफेसरों ने लहराया परचम, दुनिया के शीर्ष दो फीसदी विज्ञानियों मैं हुए शामिल 

NIT Raipur : एनआईटी रायपुर के सात प्रोफेसरों ने लहराया परचम, दुनिया के शीर्ष दो फीसदी विज्ञानियों मैं हुए शामिल 

रायपुर, नवप्रदेश। राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान, रायपुर के सात शिक्षकों ने विश्वपटल पर संस्था का नाम रोशन किया है | इन सात शिक्षकों का चयन स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी की दुनिया के शीर्ष दो फीसदी विज्ञानियों की सूची मैं हुआ है |

अमेरिका स्थित स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी हर वर्ष यह सूची जारी करती है , जिसमें संस्था द्वारा विश्व भर के शेक्षिक संस्थानों मैं हुए शोध या इसके आधार (साइटेशन) पर हुए अन्य शोध का डाटा अनालिसिस किया जाता है और फिर ये सूची जारी की जाती है |

स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा एक निश्चित प्रक्रिया के तहत किये गए डाटा अनालिसिस के आधार पर इस वर्ष दुनिया के लगभग  2,00,409 विज्ञानियों को इस सूची मैं जगह मिली है |

एनआईटी रायपुर के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दिलीप सिंह सिसोदिया, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनामिका यादव , इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सचिन जैन, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. मोनालिसा बिस्वाल ,

बायोटेक्नोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. लता शेव बच्चन उपाध्याय, बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. अवनीश कुमार, सूचना प्रोद्योगिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. गोविन्द पी. गुप्ता ने इस प्रतिष्ठित सूची मैं अपनी जगह बनाई है |

डॉ. दिलीप सिंह सिसोदिया सॉफ्ट कंप्यूटिंग/मशीन लर्निंग तकनीक, डेटा माइनिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एडवांस कंप्यूटर नेटवर्क, इमेज प्रोसेसिंग के विशेषज्ञ हैं |  गोविंद गुप्ता “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा और नेटवर्किंग” के विशेषज्ञ हैं

डॉ. अनामिका यादव ने बताया की वो पावर सिस्टम प्रोटेक्शन/आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पावर सिस्टम प्रोटेक्शन और सॉफ्ट कंप्यूटिंग तकनीक पर शोध करने वाले क्षेत्रों में काम कर रही हैं। डॉ. सचिन जैन ने हमें बताया कि उनका शोध विषय “पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और अक्षय ऊर्जा स्रोतों और इलेक्ट्रिक संचालित अनुप्रयोगों के लिए इसका अनुप्रयोग” था। 

डॉ. मोनालिसा बिस्वाल ने बताया की उनके शोध का विषय “पावर सिस्टम प्रोटेक्शन” था और उन्होंने अपने शोध पत्र में वास्तविक जीवन कार्यान्वयन और इसके स्थायी अनुप्रयोग का प्रदर्शन किया।

डॉ. लता उपाध्याय ने बताया की उनके अनुसंधान का क्षेत्र “पर्यावरण और नैदानिक ​​उद्देश्यों के लिए सेंसर के विकास में जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग” था।  डॉ. अवनीश कुमार  मैकगिल विश्वविद्यालय, कनाडा में आणविक जीव विज्ञान, कोशिका जीव विज्ञान और संक्रामक रोग के चिकित्सीय पहलू में पोस्टडॉक्टरल अध्ययन कर चुके हैं ।

स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा किये गए डाटा अनालिसिस मैं ये देखा जाता है की दुनिया के किस विश्वविद्यालय के विज्ञानी का शोध सबसे ज्यादा उल्लिखित (साइटेशन) है , यानी उनके शोधपत्रों के हवाले से अथवा उसे आधार मानकर कितने अन्य शोध कार्य या पेटेंट हुए है |

साथ ही एक वर्ष मैं उस विज्ञानी के कितने शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं | यह भी देखा जाता है की इस शोध का कितने लोगों ने उद्धरण दिया है | शोध विश्व के लिए कितना जानकारीपरक है और उससे विज्ञान जगत को कितना फायदा मिलेगा |

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