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NIT :  एनआईटी रायपुर में हुआ “चैलेंजेस इन बायो-मेडिकल इक्विपमेंट” पर व्याख्यान का आयोजन,  मुख्य वक्ता ने कहा छोटे क्षेत्रों की समस्या भी छोटी हो ये जरूरी नहीं

रायपुर, नवप्रदेश। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर में 17 अक्टूबर 2022 को “चैलेंजेस इन बायो-मेडिकल इक्विपमेंट” पर सत्र का आयोजन किया गया। सत्र का आयोजन यूएसएआईडी राइज (यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवेलपमेंट रेसिलिएन्स इन दि सहेल-एनहांस्ड) द्वारा संस्थान के ई-हॉल में किया गया।

सत्र का संचालन संस्थान के बायो-मेडिकल विभाग के एचओडी डॉ. बिकेश कुमार सिंह और  असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.सौरभ गुप्ता के मार्गदर्शन में किया गया था।

संस्थान के बायो-मेडिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट द्वारा करवाए जा रहे इस सत्र का मुख्य उद्देश्य एनआईटी के छात्रों और बायो-मेडिकल इंजीनियरिंग विभाग की  फैकल्टी को बायो-मेडिकल इक्विपमेंट में आने वाले चैलेंजेस एवं उन चैलेंजेस से कम पैसों और आसानी से छुटकारा दिलाने वाले उपायों से अवगत करवाना था ।

व्याख्यान सत्र के मुख्य वक्ता के रूप में श्री गजानन बाबूराव फूकते मौजूद रहे, जिन्होंने बड़े ही प्रभावी ढंग से ग्रामीण परिवेश की स्वास्थ समस्याओं एवं उनके निराकरण का विस्तार से वर्णन किया | 

उन्होंने कहा कि छोटी जगहों की समस्याएं छोटी नही होती है | उन्होंने बताया कि ग्रामीण तथा वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बहुत सी स्वास्थ समस्याओं जैसे सर्पदंश, निमोनिया, एनीमिया इत्यादि का सामना करना पड़ता है ,

परंतु अच्छे और सस्ते इलाज के अभाव में उनकी स्थिति में सुधार नही हो पाता और वे मौत के ग्रास मैं समा जाते हैं | उन्होंने स्वास्थ सुविधाओं के संबंध में भारत की स्थिति के बारे में भी बताया |

इसके बाद उन्होने इन विकट स्वास्थ सुविधाओं से निपटने और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सस्ता और अच्छा इलाज उपलब्ध कराने के उपायों के बारे में बताया | उन्होने जन स्वास्थ सहयोग नामक संस्था के बारे में बताया जो ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए उत्तम स्वास्थ सुविधा प्रदान करने हेतु प्रयासरत है |

संस्था द्वारा विभिन्न रोगों के इलाज और पहचान के लिए विभिन्न सस्ते तरीके और किट इजाद की गई है जिनके द्वारा विभिन्न रोगों का इलाज किया जा सके | इनके प्रमुख आविष्कारों में कूल बॉक्स, यू वी वाटर प्यूरीफायर , गर्भवती महिलाओं के लिए गर्म स्लीपिंग बैग, थर्मामीटर, श्वास मापक यंत्र इत्यादि का वर्णन उन्होंने अपने व्याख्यान में किया |

इसके बाद उन्होंने अपने साथ लाए हुए विभिन्न उपकरणों का प्रदर्शन किया एवं उनके बारे में जानकारी दी , कार्यक्रम के अंत में गजानन ने छात्रों के प्रश्नों के जवाब देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया |

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