नई दिल्ली/नवप्रदेश। 16 दिसंबर 2012 की रात निर्भया (Nirbhaya) के साथ सामूहिक बलात्कार (Gang rape) और बाद में उसकी मौत से देश को दहला देने वाले इस वीभत्स कांड के चारों दोषियों को फांसी (Hanging all four convicts) पर लटकाये जाने के लिए मंगलवार को पटियाला हाउस अदालत ने डेथ वारंट जारी कर दिये।
चारों दोषियों पवन गुप्ता, विनय शर्मा, मुकेश और अक्षय ठाकुर को 22 जनवरी सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फंदे पर लटकाया जायेगा। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने सात साल पुराने इस मामले में लंबी सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए दोषियों को अपनी कानूनी औपचारिकताएं पूरा करने के लिए 14 दिन का समय दिया है।
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राजधानी में 16 दिसंबर 2012 की रात को निर्भया (Nirbhaya) के साथ एक चलती बस में सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसे बुरी तरह से घायल कर दिया गया था। बाद में उसकी उपचार के दौरान सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी।
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फैसला सुनाये जाने के समय अदालत कक्ष में न्यायाधीश अरोड़ा, जेल के अधिकारी और दोनों पक्षों के वकील मौजूद थे। चारों को तिहाड़ जेल में फांसी दी जायेगी। डेथ वारंट के बाद कम से कम 14 दिन का समय दिया जाता है जिस दौरान जेल प्रशासन को फांसी देने की अपनी पूरी तैयारी करनी होती है ।
डेथ वारंट जारी करने से पहले चारों दोषियों की न्यायाधीश अरोड़ा के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए पेशी की गयी। साकेत कोर्ट ने 13 सिंतबर 2013 को इन चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी।
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इस मामले में कुल छह लोग गिरफ्तार किए गए थे जिसमें से एक राम सिंह ने जेल में ही खुदकुशी कर ली थी जबकि एक अन्य नाबालिग था जो तीन साल तक सुधार गृह में रहने के बाद रिहा कर दिया गया था। निर्भया के अधिवक्ता ए पी सिंह ने कहा है कि वह उच्चतम न्यायालय क्यूरेटिव याचिका दायर करेंगे।