किशन भावनानी। New Year : वैश्विक स्तर पर वर्ष 2022 को विदा होने में अभी 4 दिन शेष हैं, परंतु मेरा मानना है कि हमें समझ लेना है कि भारत में सफलताओं के झंडे गाडऩे वाले वर्ष 2022 का मिलकर शुकराना अदा करें। हमें इतना सामथ्र्य बल प्रदान किया कि दो वर्ष 2020, 2021 भयंकर त्रासदी में भयानक महामारी कोरोना के साथ बिताए और अब जनवरी 2022 में 220 करोड़ से अधिक वैक्सीनेशन सहित अनेक क्षेत्रों में सफ़लताओं के ऐसे झंडे गाड़े कि विश्व की निगाहें भारत की ओर मुड़ गई कि आखिर इतनी भारी सफ़लताओं का राज क्या है? क्योंकि नकेवल 140 करोड़ विशाल जनसांख्यिकीय तंत्र को इस भयंकर महामारी से बचाया,बल्कि आर्थिक,सामाजिक राजनीतिक नेतृत्व के गुणों की सुगंध को सारी दुनिया की नजरों में ले जाकर वैश्विक मंचों पर फिजिकली जाकर अपेक्षाकृत अधिक प्रतिष्ठा और मान सम्मान पाया! विश्व की नजर नजरें 2022 से भारत के प्रति बदल गई।
वैश्विक नेताओं के भारत के प्रति बॉडी लैंग्वेजेस बदल गए। हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अमेरिका ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया जैसे राष्ट्राध्यशों की नजरें भारतीय पीएम को ढूंढते नजर आई तथा गत दिनों वाइटहाउस, पेंटागन सहित तीन स्थानों से खुलकर भारतीय मुद्दों की तारीफकर दुनिया को हैरान किया। इसलिए हमें वर्ष 2022 का शुकराना अदा करना होगा जैसा कि दिनांक 25 दिसंबर 2022 को मन की बात में माननीय पीएम महोदय नें भी कहा, तमाम यादों के साथ साल 2022 जा रहा है।नया वर्ष 2023 नई उम्मीद और नई आशाओं के साथ शुरू होगा।
लेकिन अगर साल 2022 के पन्नों को पलट कर देखेंगे, तो इस साल में हमनें कई उपलब्धियां हासिल की है, जिसने देश का न सिर्फ मान बढ़ायाबल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तरपर भी अलग पहचान दी है। अब आने वाले नए वर्ष 2023 वर्ष के लिए अभी से ही हर देशवासी को सफ़लताओं का इतना इतिहास रचने का ऐसा रोडमैप बनाएं और क्रियान्वयन करें ताकि वर्षांत तक विश्व गुरु बनने का सपना साकार करने में पुरजोर मेहनत दिखे कि इंडिया जो कहता है वह करके दिखाता है।
साथियों बात अगर हम वर्ष2022 के शुकराननें के कारणों की करें तो हमें इसवर्ष नें वैश्विक प्रतिष्ठा प्रदान किया जिसमें सबसे महत्वपूर्ण जी-20 का अध्यक्ष बनाया गया, भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक त्र20 की अध्यक्षता कर रहा है, संबंधित बैठकों की शुरूआत हो चुकी है। सदस्य देश के प्रतिनिधि भारत के नेतृत्व में न सिर्फ अपने समस्याओं के निवारण पर चर्चा करेंगे बल्कि भारत की सांस्कृतिक ऐतिहासिक और तमाम गतिविधियों से परिचित होंगे। आजादी के बाद पहली बार देश कोआदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बनीं।
बात ये भी है कि वह देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हैं, जिसका जन्म आजाद भारत में हुआ है।उन्होंने 25 जुलाई 2022 को 15वीं राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इसी वर्ष भारत विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना। दुनिया के तमाम बड़े निवेशक बैंक, संगठन और विशेषज्ञों का कहना है कि अगला दशक हिंदुस्तान का है। यही वजह है कि दुनिया आज भारत का लोहा मान रही है। भारत विश्व की फास्ट ग्रोइंग अर्थव्यवस्था में शामिल है। खास बात यह है कि ब्रिटेन को पछाड़कर भारत ने यह उपलब्धि हासिल की है। अब भारत से आगे सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी रह गए हैं। पिछले 10 वर्षों में 11वें पायदान से यहां तक का सफर भारत ने तय किया है, इस लिहाज से यह बेहद शानदार और प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व करने वाला क्षण है। वर्ष 2022 भारत में टेलीकॉम सेक्टर के लिए शानदार रहा।
साथियों जहां एक ओर पीएम ने देश (New Year) में 5जी सर्विस की शुरुआत की, वहीं दूसरी ओर 8वीं स्पेक्ट्रम नीलामी से अब तक का सबसे अधिक राजस्व प्राप्त हुआ। देशभर के 50 शहरों में अब तक 5जी सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स ने अक्टूबर से सेवाएं शुरू कर दी हैं। 5जी सेवा ग्राहकों को 4जी की तुलना में 10 गुना तेज इंटरनेट सेवा प्रदान करने में सक्षम है। 5जी आने वाले समय में भारत की प्रतिष्ठा, प्रोफाइल और शक्ति को वैश्विक स्तर पर इतना बढ़ाएगी, जो पहले कभी नहीं हुआ। भारत पर 5जी का कुल मिलाकर आर्थिक प्रभाव 2035 तक 450 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
भारत ने कोविड के संक्रमण पर लगाम लगाने के साथ ही रिकॉर्ड वैक्सीनेशन कर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। भारत ने 220 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज का माइलस्टोन पार कर लिया है। भारत में 16 जनवरी 2021 को वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू हुआ था। इसके साथ ही भारत में ही बनी विश्व की पहली नेजल कोविड वैक्सीन भी तैयार है, जिसे इमरजेंसी अप्रूवल भी मिल चुका है। यानि अब इंट्रानैसल वैक्सीन ‘इनकोवैक’ नाक से दी जाएगी।
भारत सरकार द्वारा में गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने और पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से शुरू की गई ‘नमामि गंगेÓ परियोजना को दुनिया की 10 ऐसी प्रमुख पहलों में शामिल किया गया है, जिन्होंने प्राकृतिक दुनिया को बहाल करने में अहम भूमिका निभाई है। देश का पहला प्राइवेट रॉकेट18 नवंबर को पूरे देश ने स्पेस सेक्टर में एक नया इतिहास बनते देखा। इस दिन भारत ने अपने पहले ऐसे रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजा, जिसे भारत के प्राइवेट सेक्टर ने डिजाइन और तैयार किया था। इस रॉकेट का नाम है-विक्रम–एस श्रीहरिकोटा से स्वदेशी स्पेस स्टार्ट-अप के इस पहले रॉकेट ने जैसे हीऐतिहासिक उड़ान भरी, हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो गया।
अभी कुछ दिन पहले ही बाहुबली विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस मोरमुगाओ को सेना में शामिल किया गया। साथियों बात अगर हम वर्ष 2023 के ऊंचाइयों वाले सामथ्र्य की करें तो मेरा मानना है कि हमें प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नई ऊंचाइयां प्राप्त होगी तथा विकास के दृष्टिकोण से भारत के लिए 2023 अच्छा रहेगा विकास होगा तथा लोगों की इनकम बड़ेगी अर्थात प्रति व्यक्ति भी बढ़ेगी। व्यापार तथा उद्योग विकास के नए-नए अवसर प्राप्त होने के योग बनेंगे। विनियोग की प्रवृत्ति को अधिक बल मिलने की संभावना है। वर्ष के दौरानव्यापारी लेखक, पत्रकार, शिल्पी, वैद्य को अधिक उन्नति के अवसर मिलने तथा लाभान्वित होने की संभावना है।
इसके अलावा उद्योगपति में छोटे उद्यमी को लाभ अधिक होने की संभावना है।सरकार की तरफ से कारोबारी सुगमता और कुशल श्रमशक्ति को बढ़ाने के लिए किए गए उपायों,देश के भीतरप्राकृतिक संसाधनों की मौजूदगी, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से जुड़ी नीतियों के उदार होने, विशाल घरेलू बाजार की मौजूदगी और वृद्धि दर अच्छी रहने की संभावनाओं से नए साल में भी भारत विदेशी निवेशकों का भरोसा जीतने में कामयाब रह सकता है। हालांकि अनुबंधों के क्रियान्वयन में देरी, थकाऊ प्रक्रिया और ऊंची ब्याज दरें चिंता का विषय रह सकती हैं। कारोबार से जुड़ी मंजूरियों को जल्द देने के लिए शुरू किया गया नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम (एनएसडब्ल्यूएस) पोर्टल भी विदेशी निवेशकों के लिए मददगार होगा।
देश में विनिर्माण गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने 14 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना की घोषणा की थी। इनमें उत्पाद, दूरसंचार और वाहन कलपुर्जा भी शामिल हैं। इस योजना के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। अभी तक इस योजना के तहत 13 क्षेत्रों में 650 आवेदनों को मंजूरी दी जा चुकी है। विशेषज्ञों को भी भरोसा है कि वर्ष 2023 में विदेशी निवेश की मजबूती बनी रहेगी। वैश्विक भारत के जी-20 के एक वर्ष के कार्यकाल पर उत्सुकता से नजऱ लगी रहेगी क्योंकि दुनिया वर्तमान भारत के विकास की नई गाथा का पूर्वानुमान कर समझ रहा है कि किस तरह अगले आने वाले 25 वर्षों का रोडमैप बनाया गया है और विजऩ 2040 विजन 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था सहित अनेकों लक्षों पर तीव्रता से कुछल नेतृत्व में रणनीतिक रोड मैप पथ पथ कदम बढ़ाकर कार्य किया जा रहा है।
अत: अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण (New Year) का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि शुकराना वर्ष 2022 नई ऊंचाइयों का सामथ्र्य वर्ष 2023।अद्भुत रहा वर्ष 2022 अब 2023 की बारी,विश्व गुरु बनने की तैयारी। हर देशवासी को 2023 की सफ़लताओं का ऐसा इतिहास रचना होगा कि दुनिया के रोंगटे खड़े हो जाएं और कहे वाह रे भारतीय बौद्धिक कौशलता का कमाल!!