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चिराग परियोजना से फैलेगी बस्तर में नयी रौशनी, 14 जिलों में होगी लागू

New light will be spread in Bastar from Chirag project, will be implemented in 14 districts

CM in Bastar

CM भूपेश ने की कई घोषणाएं

जगदलपुर/नवप्रदेश। CM in Bastar : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने एक दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान चिराग परियोजना का शुभारंभ किया। कुम्हरावंड स्थित शहीद गुण्डाधूर कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित कृषि मड़ई कार्यक्रम में परियोजना का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने विश्व बैंक की सहायता से संचालित होने वाली लगभग 1735 करोड़ रुपए की इस परियोजना को बस्तर के लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाली अब तक की सबसे बड़ी परियोजना बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर बड़ी योजना का शुभारंभ बस्तर में मां दंतेश्वरी का आशीर्वाद लेकर किया जा रहा है और इसी का परिणाम है कि ये योजनाएं सफल भी हो रही हैं। उन्होंने कहा कि “चिराग परियोजना” छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा संभाग सहित 14 जिलों में लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि चिराग परियोजना आदिवासी क्षेत्रों में विकास की नयी रौशनी फैलाएगी।

इस योजना (CM in Bastar) का उद्देश्य किसानों की आमदनी के अवसरों को बढ़ाना, गांवों में पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना, क्षेत्र की जलवायु पर आधारित पोषण-उत्पादन प्रणाली विकसित करना, प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रबंधन की कार्यप्रणाली का विकास करना है। इस परियोजना के माध्यम से कृषि क्षेत्र में विकास के नये और विकसित तौर-तरीकों को बढ़ावा दिया जाएगा।

“चिराग परियोजना” से लाभ

• “चिराग परियोजना” आदिवासियों के लिए नये अवसर और नयी आशाएं लाने वाली परियोजना है। आधुनिक खेती और नवाचारों से जुड़कर वे नये जीवन में प्रवेश करेंगे।

• आदिवासी इलाकों के स्थानीय युवाओं को भी बहुत लाभ होगा। उन्हें मछली पालन, पशु-पालन, उद्यानिकी, विशेष प्रजातियों की फसलों के उत्पादन, क्षेत्रीय जलवायु आधारित पौष्टिक खाद्य पदार्थों के उत्पादन के कामों से जोड़ा जाएगा।

• युवाओं को सेल्स और मार्केटिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें अत्याधुनिक कृषि तकनीकों की शिक्षा दी जाएगी। उन्हें स्टार्टअप के लिए भी प्रशिक्षित और प्रोत्साहित किया जाएगा।

• इस परियोजना के लागू होने से आदिवासी समाज के युवा आत्मनिर्भर और स्वालंबी बनेंगे। ग्रामीण उद्यमी बन जाएंगे।

• इस परियोजना के लिए वर्ल्ड बैंक और संयुक्त राष्ट्र संघ की कृषि विकास हेतु स्थापित संस्था आईएफएडी, ने वित्तीय सहायता दी है।

• विश्व बैंक द्वारा 730 करोड़ रुपए, आईएफडी द्वारा द्वारा 486.69 करोड़ रुपए की सहायता इस परियोजना के लिए दी गई है।

• इस परियोजना की कुल राशि में 30% राशि, 518.68 करोड़ रुपये अपने राजकीय कोष से उपलब्ध कराए गए हैं।

• चिराग परियोजना को बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा, मुंगेली, बलौदाबाजार, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर और सरगुजा जिलों के आदिवासी विकासखंडों में लागू किया जाएगा।

• इस नयी परियोजना से बस्तर संभाग और पूरे छत्तीसगढ़ के आदिवासियों और वनाश्रितों में एक और नयी सुबह हो रही है।

मुख्यमंत्री ने किया थिंक बी के नए कार्यालय का शुभारंभ

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहन देने, उनके संवर्द्धन और संरक्षण के लिए स्थापित किए गए थिंक बी (टेक्नोलॉजी हब एंड इनोवेशन नेटवर्क फॉर नॉलेज बस्तर) के धरमपुरा स्थित शासकीय पॉलीटेक्निक कालेज परिसर में निर्मित नए कार्यालय का (CM in Bastar) शुभारंभ किया। सीएम बघेल ने यहां पर स्टार्टअप करने वाले युवाओं से भी मुलाक़ात कर उनके व्यापार की प्रगति और सफलता के लिए शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही पॉलीटेक्निक कालेज के विद्यार्थियों के लिए निर्मित स्मार्ट क्लास और स्मार्ट लैब का शुभारंभ भी किया। मुख्यमंत्री ने थिंक बी में स्टार्टअप करने वाले युवाओं से मुलाक़ात की। मॉम्स फ़ूड के स्टाल पर मनोज साहू से उनके स्पेशल उत्पादों की सीएम ने जानकारी ली और नारियल और गुड़ के लड्डू का स्वाद भी लिए।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शासकीय महिला पॉलिटेक्निक धरमपुरा का नामकरण धरमू माहरा के नाम पर और बस्तर हाईस्कूल को जगतू माहरा के नाम पर करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने जगतू माहरा के नाम पर भव्य सामुदायिक भवन बनाने की घोषणा की।

सीएम ने महिलाओं को सौंपी ’’वर्किंग वुमेन ट्रांजिट हॉस्टल’’ की चाबियां

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धरमपुरा-01 में नवनिर्मित इंद्रावती ’वर्किंग वुमेन ट्रांजिट हॉस्टल’ के गृह प्रवेश कार्यक्रम में भाग लेकर महिलाओं को उनके कमरों की चाबियां सौंपी। उन्होंने यहां गृह प्रवेश करने वाली महिला हितग्राहियों को चाबी सौंपते हुए सुरक्षित वातावरण में आवास की सुविधा पाने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने हितग्राहियों के पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में भी जानकारी ली। बातचीत के दौरान हितग्राहियों ने अत्यंत अल्प किराए में सर्वसुविधायुक्त सुरक्षित आवास की सुविधा उपलब्ध करने के लिए मुख्यमंत्री बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया। यह 100 सीटर हॉस्टल लगभग 6 करोड़ 99 लाख रूपए की लागत से निर्मित किया गया है। हॉस्टल में दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाली कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित एवं सर्वसुविधा युक्त आवास की सुविधा उपलब्ध होगी।

बस्तर क्षेत्र में पर्यटन को मिलेगा नया आयाम : भूपेश बघेल

बस्तर अंचल में पर्यटकों को वैलनेस टूरिज्म की सुविधाएं मिलेंगी। वैलनेस टूरिज्म के तहत बस्तर अंचल में सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों में योगा, प्राणायाम, ध्यान, आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक उपचार, नेचर हीलिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जगदलपुर के थिंक बी स्टार्ट अप सेंटर शुभारंभ के अवसर पर वैलनेस टूरिज्म का भी औपचारिक (CM in Bastar) शुभारंभ किया। वैलनेस टूरिज्म के तहत पर्यटकों को स्वस्थ जीवन शैली के लिए मार्गदर्शन एवं परामर्श भी दिया जायेगा। शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक स्वास्थ्य के गुर भी सिखायें जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैलनेस टूरिज्म के जरिये देश-विदेश के पर्यटक बस्तर अंचल में आने के लिए आकर्षित होंगे। इससे अंचल में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ लोगों को आय का जरिया भी मिलेगा। उन्होंने इस अवसर पर पर्यटन समिति के सदस्यों को आरोग्यम योगा किट का वितरण किया। योगा किट में योगा मेट, एरोमेटिक ऑयल्स, अगरबत्ती, म्यूजिक सिस्टम, दरी, थर्मल स्कैनर, इंडक्शन कुकर, डिफ्यूजर, ग्लव्स आदि शामिल है।

कृषि मड़ई में पहुंचे सीएम भूपेश

जगदलपुर कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में कृषि एवं सहयोगी विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का सीएम भुपेसन ने अवलोकन भी किया और यहां के प्रगतिशील किसानों से मुलाकात की। उन्होंने इस दौरान विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहीमूलक सामग्री का वितरण भी किया गया। कृषि मेले में कृषि विज्ञान केन्द्र-इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा लाई फोड़ाई मशीन, लघु धान्य फसल बुआई यन्त्र, हल, मेंड़ बनाने का यन्त्र, कोदो वीडर, पैडी वीडर, साईकिल व्हील हो, बस्तर कृषि उत्पाद का प्रदर्शन, लघुधान्य फसलों की विभिन्न किस्में, काजू प्रसंस्करण केन्द्र आदि का प्रर्दशन किया गया। कृषि मड़ई में मछली पालन विभाग, नारियल विकास बोर्ड, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) में हरीहर बाजार, डैनेक्स, पशुधन विकास विभाग, उद्यान विभाग, कृषि विकास एवं कृषि कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विभिन्न उत्पादों, कृषि यंत्रों का प्रदर्शन किया गया।

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