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लगातार मिली शिकायत के बाद गृहमंत्री ने लिया फैसला
नवप्रदेश संवाददाता
रायपुर। सड़कों में अगर आपको खाकी वर्दी में कोई रोके तो पहले यह देख ले कि वह अधिकारी डीएसपी DSP लेवल का है या नहीं। क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार Chhattighar Govt ने अब एक नया आदेश जारी करने का फैसला लिया है। गृहमंत्री home minister ताम्रध्वज साहू tamdhwaj sahu के मुताबिक छत्तीसगढ़ में ट्रैफिक जांच के लिए कम से कम डीएसपी लेवल के अफसर को सड़कों पर उतारा जाएगा।
यानी जो अफसर अब तक एसी चेंबर में बैठकर प्लानिंग और कानून व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए निरीक्षक और उप निरीक्षकों को आदेश निर्देश दिया करते थे, अब वह खुद ही चालान बुक लेकर सड़कों पर चालान काटते नजर आएंगे। यह फरमान प्रदेश के गृह मंत्री साहू ने ट्रैफिक विभाग मे लगातार मिल रही अवैध वसूली की शिकायत के बाद जारी करने का फैसला लिया है।
ताम्रध्वज साहू ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अब ट्रैफिक में वसूली कि कोई भी शिकायत छत्तीसगढ़ की जनता को नहीं मिलेगी। इसके लिए हमने पहले भी हमने काफी कुछ बदला है, और आगे भी कई सुधार हमारी तरफ से लगातार किए जाएंगे।
राजधानी में 25 से 32 फिक्स पॉइंट
अकेले राजधानी की अगर बात की जाए तो रायपुर में कुल 25 से 32 फिक्स चेकिंग प्वाइंट ट्रैफिक पुलिस के बने है। जिसमें से हर रोज इन पॉइंट पर तैनाती कर ट्रैफिक पुलिस ट्रेफिक कंट्रोल करने के साथ ही चालानी कार्रवाई भी करता है। जिसमें मोटर व्हीकल एक्ट के तहत हर कायदे कानून को ताक में रखकर चलने वाले वाहन चालकों पर पुलिस चालानी कार्रवाई करती है। ऐसे में अकेले राजधानी में ही कम से कम 25 से 32 डीएसपी रैंक के अफसरों की तैनाती इस आदेश के बाद की जाएगी।