Nepal Gen Z protest : नेपाल में जन–ज़ेड की अगुवाई में शुरू हुआ आंदोलन अब इतिहास का सबसे बड़ा राजनीतिक संकट बन गया है। सोशल मीडिया बैन के विरोध से जन्मी यह लहर, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के मुद्दों के साथ इतनी तेज़ी से फैली कि सत्ता की नींव हिल गई। पहले प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को कुर्सी छोड़नी पड़ी और अब राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल ने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
आंदोलन ने बदला सियासी नक्शा
पिछले कई हफ्तों से काठमांडू और देश के अन्य हिस्सों में युवा सड़क पर उतर आए थे। उनका कहना था कि सरकार जनता की आवाज दबा रही है और लोकतंत्र के नाम पर तानाशाही थोप रही है। राजधानी में हुई हिंसक झड़पों में दर्जनों लोग घायल हुए, कई की मौत भी हुई। इसके बाद लगातार बढ़ते दबाव के बीच पीएम ओली(Nepal Gen Z protest) ने इस्तीफा दिया।
लेकिन हालात यहीं नहीं थमे। राष्ट्रपति पौडेल के इस्तीफे ने स्पष्ट कर दिया है कि यह आंदोलन केवल सरकार विरोध तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम के खिलाफ खड़ा हो गया है।
युवाओं की ताकत बनी निर्णायक
इस पूरे आंदोलन की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि इसमें युवा वर्ग पूरी तरह केंद्र में रहा। सोशल मीडिया(Nepal Gen Z protest) से शुरू हुआ आह्वान, मैदान में भीड़ बन गया और यही भीड़ सरकार के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार साबित हुई।