इंदौर/नवप्रदेश। NEET EXAM : मध्य प्रदेश के आगर जिले के नलखेड़ा के पास भेसोदा गांव में रहने वाली एक छात्रा नीट परीक्षा परिणाम के खिलाफ कोर्ट पहुंची है। उसका कहना है कि रिजल्ट में दिखाई जा रही ओएमआर शीट उसकी नहीं है। उसने ओएमआर शीट में अंतर बताते हुए कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है। चौंकाने वाली बात ये है कि छात्रा ने 12वीं में सभी विषयों में डिस्टिंक्शन हासिल किया था, वहीं नीट के परिणाम में उसे शून्य नंबर मिले हैं। छात्रा को आशंका है कि उनकी ओएमआर शीट बदल दी गई है।
200 प्रश्नों में से 161 प्रश्न हल करें
जानकारी के अनुसार आगर जिले के नलखेड़ा के पास भेसोदा गांव में रहने वाली लिपाक्षी पाटीदार को नीट के सात सितंबर को घोषित परिणाम में जीरो नंबर मिले हैं। पहले तो लिपाक्षी को रिजल्ट पर भरोसा नहीं हुआ, उसने अपने दोस्तों की आंसर शीट देखी पर उसमें कोई अंतर नहीं दिखा। छात्रा की मानें तो उसने 200 प्रश्नों में से 161 प्रश्न हल करें। उसका अनुमान था कि उसे 640 नंबर आ सकते हैं। उलट परिणाम आने के बाद परिजनों की सलाह ली गई और इंदौर हाईकोर्ट में अपील की गई। छात्रा का कहना है कि हमें न्याय जरूर मिलेगा।
बता दें कि छोटे से भेसोदा गांव में संयुक्त परिवार (NEET EXAM) में रहने वाली लिपाक्षी पाटीदार किसान बद्रीलाल पाटीदार की बेटी हैं। लिपाक्षी ने कक्षा दसवीं के बाद से ही डॉक्टर बनने का सपना देखा था। दसवीं में उसे 87% व 5 विषय में डिस्टिंक्शन और बारहवीं में 80% व सभी विषय में डिस्टिंक्शन मिली थी। उसने कोटा जाकर नीट एग्जाम की तैयारी की। जुलाई में एग्जाम हुई, सितंबर में रिजल्ट आया। रिजल्ट देखकर उसके होश उड़ गए। हालांकि छात्रा ने हिम्मत नहीं हारी और इंदौर हाईकोर्ट का दरवाजा तो खटखटाया ही है साथ ही फिर से एग्जाम की तैयारी में लग गई है।
छात्रा को 12वीं में सभी विषयों में मिली थी डिस्टिंक्शन
लिपाक्षी ने बताया की एडवोकेट धमेंद्र चेलावत के जरिए इस मामले में हाईकोर्ट में चुनौती दी है। छात्रा की मांग है कि हाई लेवल कमेटी बनाकर असल दस्तावेज की जांच कराई जाए। छात्रों को न्याय की उम्मीद है। लिपाक्षी ने कोर्ट के सामने कई तथ्य भी रखे हैं। छात्रा का कहना है कि जब उसने 161 प्रश्न हल किए हैं तो ओएमआर सीट खाली कैसे दिख रही। छात्रा ने एग्जाम के दिन के दस्तावेज भी डाउनलोड किए हैं तो उसमें अंतर दिखा।
लिपाक्षी पाटीदार का कहना है कि एग्जाम सेंटर (NEET EXAM) के पर्यवेक्षकों ने दो घंटे के अंतराल में साइन किए थे, लेकिन मेरी शीट पर दोनों का समय समान है। बॉक्स में मैं अंगूठा भी लगाया था तो वह बॉक्स की लाइन पर आ गया था। जो शीट डाउनलोड किया उसमें अंगूठा ठीक बीच में लगा हुआ है। साइन भी कॉपी की हुई लग रही है। लिपाक्षी को आशंका है कि इसमें कुछ फर्जीवाड़ा हुआ है।