रायपुर/नवप्रदेश। Naxalite Incidents : केंद्र सरकार ने नक्सली घटनाओं को लेकर लोकसभा में रिपोर्ट पेश की है। जिसमें लिखा है कि नक्सल मामले में छत्तीसगढ़ अव्वल है। वहीं केंद्र के जारी इस रिपोर्ट पर राज्य के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने पलटवार करते हुए कहा कि, नक्सली मूवमेंट किसी एक राज्य का मुद्दा नहीं है। सबकी एक साझी जिम्मेदारी है। केंद्र को भरपूर सहयोग करना चाहिए। फिर ये आंकड़े उन्होंने जारी किए तो हल भी उन्हीं को करना है। हम अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रहे हैं नक्लस घटनाओं को रोकने। केंद्र को भी नक्सल घटना को खत्म करने की दिशा में सहयोग और प्रयास करना चाहिए।
मंत्री ताम्रध्वज साहू शनिवार को अपने राजस्थान दौरे पर निकलने से पूर्व स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर मीडिया के (Naxalite Incidents) सामने बोले। नक्सली घटनाओं के मामले में छत्तीसगढ़ देश में सबसे आगे है। सरकार हर साल नक्सलवाद को खत्म करने के लिए नई योजना बनाती है। करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन नक्सलवाद की घटनाएं थम नहीं रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि बीते 3 साल में छत्तीसगढ़ में कुल 970 नक्सली घटनाएं हुई हैं।
राजस्थान में 70% घोषणापत्र लागू
उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से राजस्थान जाने में दिक्कत हो रही थी, लेकिन अब हालत ठीक है। राजस्थान जाकर देखेंगे कि जो वादे बचे थे वो पूरे हुए या नहीं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में 65 से 70% घोषणापत्र का क्रियान्वयन हो चुका है। मंत्री ने कहा कि घोषणा पत्र लागू करने के लिए कमेटियां बनाई गई है। राजस्थान के लिए मुझे अध्यक्ष बनाया गया है। वहां पहले भी मैं मीटिंग ले चुका हूं। आगामी क्या नई योजनाएं लागू की गई है इसकी समीक्षा की जाएगी। समीक्षा कर राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को प्रस्तुत किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ के बाद झारखंड में सबसे ज्यादा नक्सली उपद्रव
बता दें कि लोकसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक नक्सल (Naxalite Incidents) गतिविधियों में छत्तीसगढ़ अव्वल है. छत्तीसगढ़ में पिछले तीन साल में सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं। छत्तीसगढ़ में पिछले 3 साल में कुल 970 नक्सली घटनाएं हुई हैं. इन घटनाओं में 341 लोगों की मौत हुई थी। छत्तीसगढ़ के बाद सबसे ज्यादा नक्सली घटनाएं झारखंड में होती हैं।
सभी प्रकार के अपराध में आई गिरावट
प्रदेश में अपराध दर और विपक्ष के सवाल को लेकर गृहमंत्री ने कहा कि आंकड़े की बात करें तो बीते 15 साल के मुकाबले, सभी प्रकार के क्राइम में गिरावट आई है। गृह विभाग व पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी बहुत जल्दी अपराधियों को पकड़ रहे हैं, और अदालतों में पेश कर रहे हैं। क्राइम रेट में भी कमी आई है। रिकवरी भी जल्दी हो रही है।
ये कुछ ऐसी घटनाएं हैं जो आज भी दिल को झकझोर देती हैं
- 6 अप्रैल 2010 को दंतेवाड़ा जिला में नक्सलियों ने एक साथ 75 जवानों को मौत के घाट उतार दिया था। जो पूरे देश के लिए दिल दहला देने वाली घटना थी।
- झीरम कांड-25 मई 2013 कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में नक्सलियों ने हमला किया था। झीरम में हुए इस हत्यांकांड में कांग्रेस के दग्गिज नेता वद्यिारचरण शुक्ला, नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा सहित 27 कांग्रेस के दग्गिज नेताओं को मौत के घाट उतार दिया गया था।
पुलिस अभ्यर्थी भर्ती में तकनीकी समस्या
पुलिस अभ्यर्थी भर्ती को लेकर ताम्रध्वज साहू ने कहा कि भर्ती की तकनीकी समस्या को जल्द दूर करेंगे। आरक्षक की एक जगह पुरानी भर्ती हो गई है। नए सिरे से आरक्षक भर्ती की प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है। नगर सेना के लिए भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। बस्तर जिले के लिए भी अलग से भर्ती की प्रक्रिया चालू हो रही है।