कवर्धा/नवप्रदेश। Naxal Affected Area : जिला मुख्यालय से लगभग 22 किलोमीटर दूर भोरमदेव अभ्यारण्य के प्रतिबंधित क्षेत्र के नक्सल प्रभावित मादाघाट के जंगलों में भारी संख्या में दवाओं की सैकड़ों बोतल और गोलियां मिली हैं। इनमें ब्रोमेक्सिन हाइड्रोक्लोराइड, पेरासिटामोल, प्रोमेथाज़ीन, मल्टीविटामिन की सिरप, एरीथ्रोमाइसीन, पैरासिटामाल की गोलियां शामिल हैं। बताया जा है कि इन दवाइयों का इस्तेमाल लोग नशे के लिए भी करते हैं।
इन दवाओं को नक्सलियों, स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह (Naxal Affected Area) कर्मियों या नशेड़ियों ने यहां फेंका है यह तो जांच के बाद सामने आएगा। लेकिन, जब इस संबंध में अधिकारियों से बात करनी चाही तो इस मामले से बचने नजर आए। वहीं, नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मिली इन खाली दवाओं की बोतलों को लेकर पूरे इलाके में तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है।
लोगों का कहना है कि मरीजों को बांटे जाने वाली जीवनरक्षक दवाओं को मरीजों व जरूरतमंदों को देने की जगह जंगलों में फेंक दिया गया है। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के चलते इनका वितरण नहीं किया गया, जिस वजह से ये दवाई एक्सपायर हो गई और फंसने के डर से आनन-फानन में इन्हें जिला मुख्यालय से लगभग 22 किलोमीटर दूर जंगल मे फेंक घास व सूखे पत्तों से ढक दिया गया ताकि जांच में किसी प्रकार की कोई बात सामने ना आए।
क्षेत्रीय लोगों का कहना है सरकार के द्वारा भेजी गई निशुल्क बांटने वाली दवाइयों को फेंकने (Naxal Affected Area) वाले कर्मचारियों पर क्या कोई कार्यवाई होगी।