विशाखापत्तनम, नवप्रदेश। भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (4 दिसंबर, 2022) नौसेना दिवस के अवसर पर विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना के परिचालन प्रदर्शन को देखा।
उन्होंने रक्षा, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और जनजातीय कार्य मंत्रालय की विभिन्न परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने नौसेना दिवस पर सभी अधिकारियों एवं जवानों और उनके परिवारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हम इस दिन को 1971 के युद्ध में भारतीय नौसेना की वीरतापूर्ण कार्रवाइयों की याद में मनाते हैं, जिन्होंने भारत की ऐतिहासिक जीत में योगदान दिया था।
यह हमारे शहीदों को याद करने और सम्मान देने का दिन है जिन्होंने इतिहास में अपना एक अमिट स्थान बनाया और वे हर पीढ़ी को प्रेरित कर रहे हैं। यह दिन हमें भारत को अमृत काल से होते हुए एक महान भविष्य की ओर ले जाने के लिए खुद को फिर से समर्पित करने की याद दिलाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम स्वाभाविक रूप से एक समुद्री राष्ट्र हैं – जिसके तीन तरफ समुद्र और चौथी तरफ ऊंचे पहाड़ हैं। यह सहज है कि महासागर भारत के विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
भारतीय नौसेना के पास भारत के राष्ट्रीय समुद्री हितों की सुरक्षा हर तरह से सुनिश्चित करने की एक बड़ी जिम्मेदारी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय नौसेना दृढ़ता में मजबूत, प्रतिबद्धता में कृतसंकल्प, क्षमता निर्माण में भविष्य को देखने वाली और कर्म में परिणाम उन्मुख बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि यह इस नौसेना दिवस के विषय- ” युद्ध के लिए तैयार, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य के लिए तैयार बल’ से भी स्पष्ट होता है। राष्ट्रपति ने कहा कि सर्वोच्च कमांडर के रूप में, उन्हें विश्वास है कि भारतीय नौसेना एक नए और विकसित भारत की दृष्टि के साथ लगातार आगे बढ़ती रहेगी।
जिन परियोजनाओं का आज उद्घाटन किया गया और जिनकी आधारशिला रखी गई, उनके बारे में बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि ये परियोजनाएं भारत के समग्र और समावेशी विकास में बड़ा योगदान देंगी।
उन्होंने कहा कि हमें दरारों को भरना होगा ताकि सभी भारतीय गर्व के साथ आगे बढ़ सकें और नए और विकसित भारत में कदम रख सकें।