सुकमा/नवप्रदेश। Navpradesh Continuously : आदर्श छात्रावास में ठेकेदार ने प्रशासनिक संरक्षण में जमकर मनमानी की। निविदा शर्तो को दरकिनार कर ठेकेदार ने मनमानी तरीके से निर्माण कार्य किया। वहीं जिला प्रशासन इस पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है। इधर, छात्रावास में छात्र अव्यवस्थाओं के बीच रहने को मजबूर हैं।
आदर्श मॉडल छात्रावास के भवन मरम्मत कार्य का जिम्मा ठेकेदार योगेश नाहटा को मिला था। जिसके द्वारा गुणवत्ताहीन कार्य कर जमकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया। भवन की हालत वर्तमान स्थिति में और भी खराब हो गई है। छात्रों ने बताया की पहले के मुकाबले अभी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उखड़ी खिड़की व जालियों की वजह से आश्रम में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया हैं। भोजन कक्ष में फ र्श उखडऩे लगे हैं, अब बच्चों को किचन हाल की बजाय बरामदा में बैठकर भोजन करना पड़ रहा हैं।
तकनीकी प्राक्कलन के विपरीत किया गया कार्य
बालक आश्रम झोपरा आदर्श मॉडल संस्था को विकसित (Navpradesh Continuously) करने के लिए ठेकेदार योगेश नाहटा जो तकनीकी प्राक्कलन दिया गया था। उसके द्वारा कार्य स्टीमेट के अनुरूप नहीं किया गया। प्रावधान के अनुसार ठेकेदार द्वारा 1:4:8 अनुपात में सीमेंट कांक्रीट का बेस वर्क के लिए 36208 रुपए 15 एमएम,12 एमएम, 6 एमएम के गिट्टी से प्लास्टर कार्य के लिए 22099 रुपए में शासकीय दर मूल्यांकित किया गया। इस भवन मरम्मत में नए दरवाजा, खिड़की, शटर कार्य, वेंटिलेशन में एलमुनियम सेक्शन, वाल फ्लोर टाइल्स,पेवर ब्लॉक का कार्य के लिए कुल 952535 रुपए में शासकीय दर तय किया गया तो वहीं छत में प्रोफाइल सीट लगाया जाना नियमित किया गया था। लेकिन ठेकेदार द्वारा शासकीय नियमों की अव्हेलना कर अनियमितता कर कार्य में लापरवाही तकनीकी प्रतिवेदन के विपरीत मरम्मत कार्य में घाटियां स्तर का सामान का इस्तेमाल किया गया।
गुणवत्ताविहीन कार्य के बाद भी लाखों का भुगतान
खराब मरम्मत कार्य को विभाग द्वारा ठेकेदार को 30-40 प्रतिशत का भुगतान कर दिया गया। नियमानुसार किसी भी निर्माण कार्य के भुगतान से पहले कार्य स्थल में किए गए कार्यों का ठीक तरह से निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन के बाद ही संबंधित को भुगतान किया जाना होता है। ऐसे में गुणवत्ताविहीन कार्य में विभाग द्वारा ठेकेदार योगेश नाहटा को किए भुगतान पर जिम्मेदार विभागीय अधिकारी सवालों के घेरे में हैं। विभागीय जिम्मेदारों की भवन मरम्मत कार्य में संलिप्तता संदिग्ध हैं।
प्रशासन पर ठेकेदारी प्रथा हावी
नवप्रदेश द्वारा प्राथमिकता (Navpradesh Continuously) से मामला को प्रकाश में लाने के बाद भाजयुमो जिलाध्यक्ष भीमा मरकाम ने मामले में जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा की कलेक्टर विनीत नंदनवार के नाम अपने लेटर हेड में मेरे द्वारा 31 मार्च को ठेकेदार द्वारा कार्य में अनियमितता का लिखित शिकायत कर मामला संज्ञान में लाया गया था। लेकिन जिला प्रशासन पर ठेकेदारी प्रथा इस कदर हावी है कि कलेक्टर द्वारा ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही के लिए कोई रुचि नहीं दिखाई गई। जिला प्रशासन कांग्रेस सरकार का कठपुतली बन बैठा है। जिला संचालन जिला प्रशासन का हैं, लेकिन इसकी बागडोर राज्य के आबकारी मंत्री कवासी लखमा के हाथों में हैं। जो की राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही अपने हिसाब से प्रशासनिक अधिकारियों पर सत्ता का दवाब बनाकर मन मुताबिक जिला चलाने की कोशिश करते रहे हैं।
ठेकेदार के खिलाफ होगी कार्रवाई
इस मामले में जिला निर्माण समिति के नोडल अधिकारी अनिल राठौर ने कहा की नवप्रदेश की खबर को संज्ञान में लेकर मामले में तत्काल विभागीय जांच कर ठेकेदार के खिलाफ अंतिम 15 दिवस का समय दिया जाएगा। ऐसे में ठेकेदार द्वारा किसी प्रकार की लापरवाही पर ठेकेदार योगेश नाहटा के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करते हुए ठेकेदार का टेंडर निरस्त कर जोनल के बचा काम करवाया जाएगा। साथ ही ठेकेदार को जिला निर्माण समिति से ब्लैकलिस्ट कर आगे कोई भी टेंडर नहीं दिया जाएगा। ठेकेदार द्वारा अगर अधूरा कार्य पूरा नहीं किया गया तो ठेकेदार का पेमेंट पूरी तरह रोक दिया जाएगा, साथ ही अन्य सभी कार्यों के एसडी व पीजी को भी ब्लॉक कर दिया जाएगा।