भाजपा नेता नवनीत राणा ने जनसंख्या और सामाजिक संतुलन को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि हिंदुओं को कम से कम तीन से चार बच्चे पैदा करने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह समय आत्ममंथन का है, क्योंकि कुछ वर्ग सुनियोजित तरीके से अधिक बच्चे पैदा कर देश की सामाजिक संरचना को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। नवनीत राणा का यह बयान राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
मंगलवार को मुंबई में पत्रकारों से बातचीत के दौरान नवनीत राणा ने कहा कि कुछ लोग खुलेआम यह दावा कर रहे हैं कि उनकी चार पत्नियां और 19 बच्चे हैं। ऐसे लोग बड़ी संख्या में बच्चे पैदा कर भारत को पाकिस्तान बनाने की सोच रखते हैं। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा है तो हिंदू समाज केवल एक या दो बच्चों तक सीमित क्यों रहे।
इसी संदर्भ में उन्होंने हिंदुओं से तीन से चार बच्चे पैदा करने की अपील की। यह पूरा बयान अब नवनीत राणा के जनसंख्या संबंधी बयान (Navneet Rana Population Statement) के रूप में देखा जा रहा है।
नवनीत राणा ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका बयान किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि समाज के भविष्य और संतुलन को लेकर चिंता से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि उन्हें यह नहीं पता कि जिनका जिक्र किया जा रहा है वे मौलाना हैं या कोई और, लेकिन जब कोई व्यक्ति 19 बच्चों और चार पत्नियों की बात करता है तो यह गंभीर चिंता का विषय बन जाता है।
अपने बयान के दौरान नवनीत राणा ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे अब बेबसी का पर्याय बन चुके हैं। नवनीत राणा के अनुसार, उद्धव ठाकरे नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में अपने कार्यकर्ताओं को प्रचार के लिए बाहर तक नहीं निकाल पा रहे हैं। उन्होंने इसे पार्टी की कमजोर होती राजनीतिक स्थिति का संकेत बताया।
भाजपा नेता के इस बयान के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया तेज हो गई है। विपक्षी दल इसे भड़काऊ बयान बता रहे हैं, जबकि भाजपा समर्थक इसे सामाजिक संतुलन से जुड़ी चिंता करार दे रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नवनीत राणा के जनसंख्या संबंधी बयान (Navneet Rana Population Statement) का असर आने वाले दिनों में राजनीतिक बहस को और तेज कर सकता है।

