navpradesh 10th aniversary: नव प्रदेश छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से दस साल पूर्व आज ही के दिन दैनिक नव प्रदेश का प्रकाशन प्रारंभ हुआ था। पिछले एक दशक के सफर में दैनिक नव प्रदेश ने कई उतार चढ़ाव देखें है और विपरित परिस्थितियों के बावजूद चुनौतियों को अवसर के रूप में बदलने में भी काफी हद तक कामयाबी हासिल की है।
पिछले एक दशक में दैनिक नव प्रदेश ने अपने सीमित संसाधनों के बावजूद छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर से भी दैनिक नव प्रदेश का प्रकाशन प्रारंभ कर दिया। यही नहीं बल्कि प्रदेश की सीमा से बाहर जाकर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और न्यायधानी जबलपुर से भी दैनिक नव प्रदेश के संस्करण शुरू हो गए। झारखंड की राजधानी रांची से भी दैनिक नवप्रदेश सफलतापूर्वक प्रकाशित हो रहा है।
निकट भविष्य में इसके कुछ और संस्करण अन्य प्रदेशों से प्रकाशित करने की योजना पर विचार किया जा रहा है। दैनिक नव प्रदेश ने मात्र दस साल की अल्प अवधि में ही तीन राज्यों से पांच संस्करण प्रकाशित करने का जो हौसला दिखाया है उसका सारा श्रेय दैनिक नव प्रदेश के सुधि पाठकों को जाता है जिनका असीमित प्यार ही दैनिक नव प्रदेश की पूंजी है।
हमारे प्रेरक पाठकों के स्नेहिल सहयोग से ही हमने विपरित परिस्थितयों में भी हार नहीं मानी और पत्रकारिता के कंटक पूर्ण पथ पर पग दर पग आगे बढ़ते ही गए। दैनिक नव प्रदेश परिवार अपने समस्त कृपालु पाठकों का आभारी है जिन्होंने दैनिक नव प्रदेश को अपना अखबार माना यही वजह है कि दैनिक नव प्रदेश अखबारों की भीड़ में अपना अलग स्थान बनाने में और पाठकों की पहली पसंद बनने में काफी हद तक सफल रहा।
हम अपने पाठकों के हितों को सर्वोपर्रि मानते है और हमारी टीम की यह हर संभव कोशिश होती है कि दैनिक नव प्रदेश पाठकों की कसौटी पर खरा उतरे। दैनिक नव प्रदेश आज से 11वें वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है। हमें आशा ही नहीं वरण पूर्ण विश्वास है कि पाठकों का पूर्ववत स्नेह और सहयोग दैनिक नवप्रदेश को आगे भी मिलता रहेगा।
हमारे एक दशक के सफर पर सटीक बैठती है डॉ. राही मासूम रजा की ये पंक्तियां -इस सफर में नींद ऐसी खो गई, हम ना सोए, थककर रात सो गई।