राज्य शासन ने जशपुर, मनेंद्रगढ़, रायगढ़ और बस्तर जिलों में 10-10 बिस्तर वाले योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्रों के निर्माण (Naturopathy Centers Chhattisgarh) को मंजूरी दे दी है। इन केंद्रों के लिए कुल 11 करोड़ 22 लाख 28 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
प्रत्येक केंद्र में 20 चिकित्सा एवं सहायक कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए कुल 80 पदों को मंजूरी मिली है। ये सभी संस्थान चिकित्सा शिक्षा (आयुष) विभाग और संचालनालय आयुष के अधीन संचालित होंगे, जहाँ योग और प्राकृतिक चिकित्सा की आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध रहेंगी।
पंचतत्व आधारित समग्र इलाज उपलब्ध होगा
प्राकृतिक चिकित्सा एक ऐसी समग्र पद्धति है, जो—
जीवनशक्ति बढ़ाने,
शरीर की स्व-उपचार क्षमता को सक्रिय करने
पर आधारित है। इसमें पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश — इन पंचतत्वों के संतुलित उपयोग से उपचार किया जाता है।
इन केंद्रों में मिलने वाली प्रमुख चिकित्सा विधियाँ—
हाइड्रोथेरेपी
मिट्टी उपचार
उपवास चिकित्सा
योग
नेचुरल डाइट थैरेपी
इन सेवाओं के माध्यम से जीवनशैली संबंधी बीमारियों, मानसिक तनाव (Naturopathy Centers Chhattisgarh) और दीर्घकालिक रोगों के प्रबंधन में मदद मिलेगी।
स्वस्थ छत्तीसगढ़ की दिशा में बड़ा कदम
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इन केंद्रों के लिए राशि स्वीकृत करने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार जताया।
उन्होंने कहा कि— “इन केंद्रों की स्थापना से जीवनशैली संबंधी रोगों के प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य सुधार और समग्र स्वास्थ्य (Naturopathy Centers Chhattisgarh) को बढ़ावा मिलेगा। यह पहल स्वस्थ छत्तीसगढ़ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

