उपस्थिति और वर्चुअल दोनों ही मोड में होगी, विशेष न्यायाधीशों की नियुक्ति
बिलासपुर/नवप्रदेश। National Lok Adalat : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार पूरे देश में 10 जुलाई को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। इसी अनुक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य में भी तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में उसी दिन नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा।
यह इस वर्ष की पहली नेशनल लोक अदालत (National Lok Adalat) होगी, जिसमें राजीनामा योग्य प्रकरणों को पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से निराकृत किया जायेगा। लोक अदालत में पक्षकार अपने निकटस्थ के व्यवहार न्यायालय, जिला न्यायालय या विधिक सेवा संस्थान से संपर्क कर अपने प्रकरणों को अपनी भौतिक उपस्थिति के अतिरिक्त वर्चुअल मोड के द्वारा भी जुड़कर निराकरण करा सकते हैं।
इसके लिए न्यायमूर्ति (National Lok Adalat) प्रशांत कुमार मिश्रा, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार मजिस्ट्रेट को स्पेशल सीटिंग की शक्ति प्रदान की गई है।
मजिस्ट्रेट अपनी शक्तियों का प्रयोग कर राजीनामा के अतिरिक्त छोटे मामलों में स्वीकृति के आधार पर दंड प्रक्रिया संहिता एवं मामूली अपराध के प्रकरणों को भी रखा, निराकरण किया जायेगा। साथ ही कोरोना काल में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों का भी निराकरण किया जायेगा।
उक्त लोक अदालत (National Lok Adalat) मे फैमिली कोर्ट, स्थायी लोक अदालत, श्रम न्यायालयों के प्रकरण, बैंक वसूली, बिजली, पानी, श्रम न्यायालय मोटर दुर्घटना के प्रकरण, वैवाहिक मामले, धारा 138 चेक बाउंस मामले, समस्त सिविल मामले जो न्यायालय में लंबित है।\इसके अलावा ऐसे मामले जो न्यायालय में अभी पेश नहीं हुए हैं, (प्री-लिटिगेशन) को निराकृत किया जायेगा। पक्षकारों के मध्य लोक अदालत की तिथि के पूर्व प्री-सिटिंग के माध्यम से भी प्रकरणों को निराकृत किये जायेंगे।