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मप्र और छग को जोडने वाली यह करोडों की सडक समयावधि बीत जाने के बाद भी पूर्ण नहीं
कवर्धा। कबीरधाम जिले में सड़क परिवहन को देखते हुए केन्द्र सरकार ने कवर्धा से चिल्फी तक नेशनल हाईवे सड़क निर्माण का फैसला लिया है। यह कार्य 2016 से प्रारंभ किया गया था। लेकिन तीन वर्षो में अभी तक सड़क निर्माण पूरा नही किया जा सका है। इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 170 करोड़ की लागत से यह सड़क का निर्माण किया जा रहा है, कवर्धा से चिल्फी तक 50 किमी की सड़क बनाई जा रही है। निर्माण पर 170 करोड़ रुपए की भारी भरकम राशि खर्च की जा रही है, बाजवूद इसके तीन साल बाद भी इसे पूरा नही किया जा सका है। डेढ़ से दो माह पूर्व ही कवर्धा से तीन से छह किलोमीटर के बीच सड़क को बनाया गया, लेकिन अभी से यह कमजोर हो गई है। जगह-जगह सड़क दबने लगी है।जहां पर छोटे पुलिया हैं जैसे जोराताल जेल के पास, सिंघनपुरी के पास पुल की स्थिति खराब है। इसके चलते गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं, जबकि इसका अब तक लोकार्पण तक नहीं हो सका है। इसी प्रकार नेशनल हाईवे अंतर्गत पोंड़ी, बोड़ला, चिल्फी जैसे मुख्य कस्बों में सड़क निर्माण पूरा नही किया जा सका है। इन जगहों में काम किया जा रहा है।
वर्तमान समय में पोंड़ी गांव के भीतर वाले सड़क के उपर काम किया जा रहा। जबकि इसे नेशनल हाईवे अंतर्गत पूर्ण रुप से किया जाना था। वहीं चिल्फी में सड़क के किनारे नाली निर्माण किया जा रहा है। इसे भी पूरा नही किया जा सके। इस कारण चिल्फी गांव में लग रहे दुकानदारों व आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कवर्धा से चिल्फी तक नेशनल हाईवे का पूरा काम अटका हुआ है। गौर करने की बात है कि शुरुआती दिनों में कवर्धा से बोड़ला तक काम शुरू किया गया था। लेकिन कुछ-कुछ जगहों में काम शुरू कर छोड़ दिया गया है। बोड़ला व पोंड़ी के बीच करीब 7 जगहों में काम छोड़ा दिया गया है। इसी प्रकार कवर्धा से पोंड़ी के बीच ही 4 जगहों में काम किया गया, बाकी जगहों के सड़क को छोड़ा गया है। बीच-बीच में सड़क छोड़ दिए जाने से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। यह सड़क काफी अहम है, क्योंकि यह दो बड़े शहर रायपुर व जबलपुर को जोड़ती है। यह दो राज्यों के बीच की महत्वपूर्ण सड़क है। बीते वर्ष केन्द्र सरकार ने बिलासपुर-कवर्धा स्टेट हाईवे को नेशनल हाईवे का दर्जा दिया था। इसे लेकर टेंडर की प्रक्रिया भी शुरु की गई थी। लेकिन अभी तक इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू नही हुआ है। टेंडर से संबंधित समस्त प्रक्रिया दो महीने में पूरी करने की बात कही गई थी। नेशनल हाईवे के मापदंड के अनुरुप अब बिलासपुर-मुंगेली-कवर्धा सड़क की चैड़ाई 7 मीटर से बढ़ाकर 10 मीटर किया जाना था। साथ ही मुख्य सड़क के दोनों ओर दो-दो मीटर की सर्विस लेन बनाई जाती। इसी तरह बाईपास सड़क पांडातराई, पोंड़ी में बनाई जाती। भूमि अधिग्रहण का काम भी लगभग पूरा किया जा सका है। लेकिन निर्माण कार्य पूरा नही किया गया।
कवर्धा से सिमगा मार्ग की स्थिति खराब, दरारे आना शुरू
नेशनल हाईवे 30 पर कवर्धा से सिमगा सेक्शन पैकेज 2 के तहत 71 किलोमीटर सड़क निर्माण की स्वीकृति राष्ट्रीय विकास परियोजना के चैाथे चरण के तहत मिली है। इसमें से टू लेन रोड व पेव्हड शोल्डर चैड़ीकरण व उन्नयन का कार्य 412 करोड़ की लागत से करने के लिए 9 दिसंबर 2014 को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी, जिसके बाद सडक निर्माण कार्य 3 मार्च 2017 तक पूर्ण किया जाना था। आज की स्थिति में सड़क निर्माण का कार्य पूरा हो गया है। लेकिन 412 करोड़ की यह सड़क गुणवत्ताहिन होने के कारण खराब होती नजर आ रही है। कवर्धा से सिमगा के बीच ही करीब 30 से अधिक जगहों में दरारे पड़ चुकी है। इस कारण दुर्घटना हो रही है।
फैक्ट फाइल
- योजना एनएचडीपी-4
- कार्य टू-लेन पेव्हड शोल्डर चैड़ीकरण, उन्नयन
- सड़क कवर्धा से चिल्फी
- निर्माण 50.878 किमी
- लागत 170.25 करोड़ रुपए