एमडीसी स्टील लिमिटेड (NMDC Steel Limited Nagarnaar) के नगरनार स्टील प्लांट में एक बड़ा (Nagarnaar Cyber Security Case) साइबर अपराध का प्रयास नाकाम कर दिया गया। ठगों ने विदेशी कंपनी के नाम पर फर्जी ईमेल बनाकर एनएसएल को 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि नए अकाउंट में भेजने के लिए गुमराह करने की कोशिश की थी, लेकिन एनएसएल अधिकारियों, बैंक और पुलिस की सतर्कता से यह प्रयास समय रहते असफल हो गया।
पुलिस के अनुसार, जिस विदेशी कंपनी के खाते में एनएसएल को भुगतान करना था, उसी कंपनी के नाम से साइबर ठगों ने फर्जी ईमेल आईडी बनाई और एनएसएल को नया बैंक अकाउंट नंबर भेज दिया। प्रारंभिक स्तर पर कुछ राशि का भुगतान भी किया गया, लेकिन जब अधिकारियों को संदेह हुआ कि ईमेल आईडी में अचानक बदलाव क्यों हुआ, तो उन्होंने तुरंत बैंक और विदेशी कंपनी से संपर्क किया।
कंपनी ने स्पष्ट किया कि उसने न तो कोई नया ईमेल जारी किया है और न ही बैंक अकाउंट बदला है। इसके बाद एनएसएल प्रबंधन ने तत्काल (Cyber Police Jagdalpur) साइबर थाना जगदलपुर में शिकायत दर्ज कराई। बैंक ने भी तत्परता दिखाते हुए संबंधित खाते को होल्ड कर दिया, जिससे ठग राशि का अंतरण नहीं कर सके। पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा ने बताया कि राशि सुरक्षित है और बैंक प्रक्रिया पूरी होने के बाद एनएसएल (Nagarnaar Cyber Security Case) को वापस कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि समय पर कार्रवाई और तकनीकी जांच के कारण यह बड़ा वित्तीय नुकसान टल गया।
कोयला खरीदी से जुड़ा था भुगतान
एनएसएल के अधिकारियों ने बताया कि यह भुगतान विदेश से आयातित कोयले की खरीदी से जुड़ा था। नगरनार स्टील प्लांट अपने उत्पादन के लिए विदेशी वेंडरों से कोयला खरीदता है। ठगों ने इन्हीं कंपनियों की जानकारी हासिल कर फर्जी ईमेल तैयार किया और एनएसएल को गुमराह करने की कोशिश की। यह पहला मौका है जब एनएसएल को किसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की साइबर ठगी का सामना करना पड़ा।
साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, ठग अब “Business Email Compromise (BEC)” तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। इसमें वे किसी कंपनी के असली ईमेल जैसा नकली आईडी बनाकर भुगतान प्रक्रिया में हस्तक्षेप करते हैं। पुलिस ने कंपनियों को सलाह दी है कि किसी भी भुगतान से पहले ईमेल व अकाउंट नंबर की दो-स्तरीय जांच जरूर करें।

