-सूटकेस मर्डर मिस्ट्री सुलझी, लिव इन रिलेशनशिप में फंसा प्रेमी!
मुंबई। Murder Mystery: अपनी गर्लफ्रेंड के चरित्र पर शक होने पर उसने उसकी हत्या कर दी और शव को सूटकेस में भर दिया और शव लेकर मुंबई में घूमते रहा। वडाला पुलिस ने इस घटना का पर्दाफाश किया। प्रेमी आस्कर मनोज बारला (22) को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है।
रविवार को कुर्ला में मेट्रो रेल के निर्माण स्थल के पास एक सूटकेस में एक महिला का शव मिला। कुर्ला पुलिस स्टेशन में हत्या का मामला दर्ज होने के बाद अपराध शाखा के अधिकारियों ने भी समानांतर जांच शुरू कर दी। घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अपराध शाखा कक्ष 5 के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक घनश्याम नायर और कक्ष 11 के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विनायक चव्हाण के मार्गदर्शन में आठ जांच टीमें गठित की गईं। इससे युवती की पहचान हो सकी। जब लड़की का प्रेमी ओडिशा भागने की तैयारी में था, तभी सूचना मिलने के बाद टीम ने उसे ठाणे रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया।
मृतक लड़की की पहचान प्रतिमा पावल किस्पट्टा (25) के रूप में हुई है, जो ओडिशा की मूल निवासी थी और धारावी में रहती थी। वह 2021 से आरोपी बारला के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थी। चरित्र पर संदेह के चलते दोनों के बीच झगड़े होते थे। शनिवार रात करीब 8:30 से 9:30 बजे के बीच दोनों के बीच बहस चरम पर पहुंच गई और बारला ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
लॉकडाउन के दौरान पहचान और प्यार
प्रतिमा का परिचय आस्कर से 2020 में ट्रेन यात्रा के दौरान हुआ था जब मजदूर लॉकडाउन के दौरान वापस गांव का जा रहे थे। चूंकि दोनों एक ही गांव के थे, इसलिए उन के बीच मेलजोल बढ़ गया। लॉकडाउन के बाद मुंबई वापस आते समय दोनों की मुलाकात हुई। दोस्ती प्यार में बदल गई। प्रतिमा पावल किस्पट्टा (25) जहां मुंबई में नौकरानी के रूप में काम कर रही थी, वहीं आस्कर शुरू में बेंगलुरु में कार्यरत था।
गले में क्रॉस और शरीर पर कपड़ों से पहचान
गले में क्रॉस और शरीर पर कपड़ों से टीम ने अंदाजा लगाया कि वह ईसाई और मध्यमवर्गीय परिवार से है। क्राइम ब्रांच ने आसपास जांच शुरू की तो पता चला कि हत्या के चार से पांच घंटे के भीतर ही शव फेंका गया था। पता चला कि वह धारावी में रहती है। सबूत तलाश करते समय सूटकेस उनकी नजर में आ गया। आखऱिकार उस ने लाश को सूटकेस में डाल कर किसी सुनसान जगह पर फेंकने का फैसला किया।
लगातार चैटिंग से चिड़चिड़ापन
प्रतिमा धारावी में किराये पर रहती थी। एक महीने पहले उसने आस्कर को बेंगलुरु से मुंबई बुलाया। 15 दिन पहले उसने मिठाई की दुकान पर काम करना शुरू किया था। सुनता नहीं है। जब वह दोस्तों से बातचीत कर रही थी तो पता चला उसे हुआ जिसके बाद उसने हत्या कर दी।
वह शव से भरा सूटकेस लेकर पैदल ही सायन सर्कल आया और वहां से करीब साढ़े बारह बजे वहां से रिक्शा पकड़ा। रिक्शा लोकमान्य तिलक टर्मिनस पहुंचा। लेकिन वहां भीड़ देखकर वह डर गया और दूसरा रिक्शा ले लिया। परन्तु वह सायन की ओर चला गया। जैसे ही रिक्शा दूसरी दिशा में जा रहा था, वह रिक्शा में रुक गया। डेढ़ घंटे की यात्रा के बाद वह कुर्ला में मेट्रो रेल के निर्माण स्थल पर पहुंचा। वहां अंधेरा देखकर उसने सूटकेस वहीं फेंक दिया और रिक्शे से घर लौट आया।