Municipal Elections : कांग्रेस की संतोष कंसाना का नॉमिनेशन निरस्त, जाति प्रमाण पत्र बना वजह

Municipal Elections : कांग्रेस की संतोष कंसाना का नॉमिनेशन निरस्त, जाति प्रमाण पत्र बना वजह

Municipal Elections

भोपाल, नवप्रदेश। महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष और वार्ड-29 से कांग्रेस की पार्षद कैंडिडेट संतोष कंसाना का नॉमिनेशन निरस्त हो गया (Municipal Elections) है। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने मंगलवार को जाति प्रमाणपत्र को लेकर सुनवाई की और फिर फैसला (Municipal Elections) सुनाया।

दो बार की पार्षद संतोष कंसाना का मूल जाति प्रमाण पत्र फरीदाबाद (हरियाणा) का है और यहां माइग्रेशन वाला बना है। जिसे लेकर भाजपा ने आपत्ति (Municipal Elections) की थी। पार्टी का दावा था कि नए नियमों के अनुसार मप्र में ही बना हुआ प्रमाण पत्र वैध होगा। इस मामले में मंगलवार को कलेक्टर ने सुनवाई कर निर्णय लिया। जिसे निरस्त कर दिया गया। एक अन्य का भी नामांकन निरस्त किया गया।

इधर, मामले को लेकर कांग्रेसी एकजुट हो गए। बड़ी संख्या में कांग्रेसी पहुंचे थे। बीजेपी की ओर से भी कई नेता पहुंचे। बता दें कि कंसाना दो बार की पार्षद रह चुकी हैं और इस बार मेयर की दावेदार थीं, लेकिन कांग्रेस ने विभा पटेल को टिकट दे दिया। इसके चलते पार्टी ने उन्हें वार्ड 29 से पार्षद का कैंडिडेट बनाया था। नॉमिनेशन निरस्त होने के बाद अब वह चुनाव नहीं लड़ सकेंगी।

मैं दो बार चुनाव लड़ चुकीं, अब आपत्ति क्यों

मामले में पार्षद कैंडिडेट कंसाना ने बताया, मैं हरियाणा के फरीदाबाद की बेटी हूं और भोपाल में ब्याही हूं। हरियाणा में गुर्जर समाज OBC कैटेगिरी में है और मध्यप्रदेश में भी। केंद्र सरकार ने भी इसे OBC कैटेगिरी में ही शामिल कर रखा है। इस कैटेगिरी से ही मैं वर्ष 2009 और 2014 में पार्षद का चुनाव लड़ चुकी हूं। यहां एसडीएम रहे संजीव श्रीवास्तव ने ही सर्टिफिकेट बनाकर दिया है। जब सरकार ने ही सर्टिफिकेट बनाया है और पिछले दो चुनाव लड़ चुकी हूं तो अब आपत्ति क्यों लगाई गई यह समझ से बाहर है।

चुनाव की ट्रेनिंग, 776 अधिकारी-कर्मचारी गायब रहे, होगी कार्रवाई

नगरीय निकाय चुनाव को लेकर अधिकारी-कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। 20 और 21 जून को भोपाल के शहीद भवन ओल्ड एमएलए रेस्ट हाउस, मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल टीटी नगर, गांधी मेडिकल कॉलेज, बीएसएस कॉलेज हबीबगंज नाका और कुक्कट पालन भवन में ट्रेनिंग हुई। इनमें 776 अधिकारी-कर्मचारी गायब रहे। वहीं, 5772 ने उपस्थित रहकर ट्रेनिंग ली। गायब रहने वाले कर्मचारियों पर निलबंन की कार्रवाई की जा रही है।

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