रायपुर/नवप्रदेश। Municipal Assembly : नगर निगम रायपुर की सामान्य सभा में राज्यपाल अनुसुइया उइके करीब 12:30 बजे शामिल हुईं। महापौर एजाज ढेबर ने पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया। वरिष्ठ विधायक सत्य नारायण शर्मा ने भी राज्यपाल का स्वागत किया। आपको बता दे कि, राज्यपाल के आने के बाद भी भाजपा पार्षद सदन में नहीं पहुंचे थे।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा निगम व्हाइट हाउस का बहुत नाम मैंने सुना है। सामान्य सभा में क्या होता है, मुझे पता नहीं था, लेकिन इसके बारे में महापौर ने जानकारी दी। यहां आने की मेरी उत्सुकता थी। भविष्य में यहां दोबारा आऊंगी तो आपकी कार्यप्रणाली को देखूंगी।
मैंने वाइट हाउस देखने की इच्छा जताई थी : अनुसुईया उइके
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने अपने अभिभाषण में कहा कि रायपुर नगर निगम के महापौर, सभापति और विधायकों ने जो आत्मीय स्वागत किया है उसका शुक्रिया अदा करती हूं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में महापौर एजाज ढेबर से मेरी मुलाकात हुईं थी इस दौरान मैंने वाइट हाउस देखने की इच्छा जताई थी, तब महापौर ने सामान्य सभा के बैठक में बुलाने की बात कही। उन्होंने कहा कि मुझे देखना चाहिए कि सामान्य सभा की बैठक में क्या होता है। महापौर ने बताया कि जिस तरह विधानसभा की बैठक होती है, ठीक उसी तरह निगम की सामान्य सभा की बैठक में भी होती है। उसके बाद महापौर ने सामान्य सभा मे आने के लिए आमंत्रित किया।
26 की उम्र में विधायक बनी तो लोगों को नहीं हुआ यकीन
उन्होंने कहा कि निगम ऐसा प्लेटफार्म है जहां से लोग राजनीति में आगे निकल जाते है, लेकिन मुझे नहीं निगम के बारे में जानकारी नहीं थी। उसका कारण है कि वह कालेज से राजनीति की शुरुवात की थी। उन्होंने बताया कि वह 26 साल की उम्र में पहली बार विधायक बनकर पहुंची थी। लोगों को यकीन नहीं होता था, मुझे देखकर। लोग शर्त लगते थे कि ये हो नहीं सकता कि वह विधायक है। उसके बाद मैंने देखा कि विधानसभा के बजट में शिक्षा के लिए पैसा मिलता था लेकिन हालात जस के तस बने रहते थे। उसके बाद मैंने उसको बेहतर करवाया।
मैं एक दबंग विधायक थी
मैं एक दबंग विधायक थी। इसका कारण है कि सदन में जो सही होता था वही बोल देती थी। विपक्ष कहता था कि आप की जरूरत वहां नहीं यहां है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को कहा कि जनता से आप को उम्मीद है, आप उनको सम्मन दें। उन्होंने खुद के लिए कहा कि वह पद पाने की लिए परिक्रमा कभी नहीं लगाई उनको सब खुद ब खुद मिली। आप अपने नेताओं को बताओ कि आपने क्या- क्या किया जिससे भविष्य में उनका आशिर्बाद मिलेगा।
छात्र राजनीति से हुई नेतृत्व की क्षमता
राज्यपाल (Municipal Assembly) ने कहा कि छात्र राजनीति का मुझे अनुभव है। नेतृत्व की क्षमता मुझे यही से हुई। यहां से निकलकर आप जाएंगे तो आपके लिए उपलब्धि होगी। 26 साल की उम्र में मैं पहली बार विधायक बनी। सत्ता पक्ष की विधायक होने के बाद भी लगातार सवाल उठाती थी, तो मुझे लोग दबंग विधायक कहते थे। जो सही होता था वही बोल देती थी।
लोगों की अपेक्षा के अनुरुप काम करने की दी सलाह
राज्यपाल ने पार्षदों से कहा कि लोगों की बहुत अपेक्षा रहती है उस अपेक्षा के अनुरूप सभी काम करें। लोगों से जुड़ाव बहुत आवश्यक है़। रायपुर नगर निगम का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्होंने नगर निगम से शुरुआत कर राष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बनाई है। कोरोना काल में निगम के अधिकारी कर्मचारी जनप्रतिनिधि बहुत ही बेहतर काम किए हैं। लोगों का हर संभव मदद किया गया। इसके लिए निगम के सभी अधिकारी कर्मचारी बधाई के पात्र हैं। राज्यपाल ने कहा रायपुर को स्वच्छ, सुंदर बनाने के लिए निगम की अहम भूमिका रही है।
रायपुर नगर निगम का गौरव शाली इतिहास
झारखंंड के राज्यपाल रमेश बैस पहले पार्षद थे। आज वह कई अन्य पदों को सुशोभित करते हुए झारखंड के राज्यपाल हैं। ऐसे कई पार्षद है जो विधायक और संसद बने है। आप लोग भी मेहनत कीजिये जरूर आगे जाएंगे। नगर निगम की तारीफ करते हुए कहा कि निगम में प्रवेश करते ही गाँधी जी की प्रतिमा और रोजाना सुबह-सुबह रखुपति राघव राजा राम का गायन होता है यह अपने आप में बहुत ही सराहनीय कार्य है।
छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया
राज्यपाल (Municipal Assembly) ने कहा कि जब कोई छत्तीसगढ़ के बारे में पूछता है तो यही बोलती हूं छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया। छत्तीसगढ़ के लोग सीधे और सरल हैं। उनका कहना है कि जब वह केंद्र में महिला बाल विकास आयोग की अध्यक्ष थी तब उन्होंने 25 राज्यों का दौरा किया था, लेकिन सबसे अच्छा छत्तीसग़ढ लगा। अंत में उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि जीवन मे कभी अहंकार मत रखनाने जनता से प्रेम से मिलना। उसके बाद उन्होंने कहा कि, मेरे पास समय कम है। मै जल्द ही सभी को दरबार हाल में बुलाऊंगी तो बिस्तार से चर्चा करुंगी।