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Mungeli News : जर्जर मंगल भवन में भविष्य गढऩे को मजबूर छात्र

मुंगेली/नवप्रदेश। शिक्षा में गुणवत्ता व कसावट लाने शासन द्वारा बनाई गई शाला संचालन के लिए शाला विकास समिति दिखावा बनकर रह गई है। शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन से लेकर निर्माण कार्यो में विभागीय अधिकारियों की मनमर्जी के चलते अनियमितता बरती जा रही है। विभाग द्वारा देखरेख के अभाव में अनिमियता बरती जा रही है।

मरम्मत के लिए अनिवार्य स्कूलों को छोड़कर अपेक्षा पूर्वक ठीक ठाक स्कूलों में कार्य परिवर्तन कर टाइस्ल लगवाया जा (Mungeli News) रहा। वैसे ही शिक्षा विभाग द्वारा एरियर्स भुगतान नहीं किया गया है।

स्कूल शिक्षा मंत्री के नगर आगमन पर शिक्षा विभाग के अनियमिततापूर्ण कार्यो के संबंध में शिक्षा मंत्री ने जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की बात कही है। जिले में भवनविहीन स्कूल से लेकर जर्जर स्कूलों की मरम्मत व स्कूलों के सही ढ़ंग से संचालन नहीं होने की शिकायत शिक्षा मंत्री के नगर प्रवास पर की गई।

कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता में पहुंचे पत्रकारों ने जिले में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अनियमितता पूर्ण ढ़ंग से कार्य किये जाने की बाते शिक्षा मंत्री के पास रखी। जिले के कई ग्रामों में भवनविहीन स्कूल संचालित है जो उधार के भवनों में संचालित हो रहा है।

पुराने जर्जर भवनों को तोड़ दिया किन्तु नये भवनों का निर्माण नहीं होने से जर्जर सामुदायिक भवन एवं पंचायत भवनों में स्कूल का संचालन किया जा रहा (Mungeli News) है।

जर्जर स्कूलों के लिए फंड जारी नहीं : मुंगेली ब्लाक के अंतर्गत लालपुर और माराडबरी  की शासकीय प्राथमिक शालाएं एक छोटे से मंगल भवन में लगाई जा रही है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत तरवरपुर के अंतर्गत ठाकुरकापा में 2012-13 में बनाए गए स्कूल आधे-अधूरे है।

वर्षो से जर्जर स्कूलों में मरम्मत नहीं होने और मरम्मत के नाम पर लीपापोती किये जाने की शिकायत भी मंत्री से की गई। जर्जर स्कूल भवनों के मरम्मत के लिए अब तक फंड जारी नहीं हुआ है। कई स्कूलों में मरम्मत कार्य में भी अनियमितता बरती जा रही है।

छतों के मरम्मत एवं पानी निकासी के लिये मांगे गए फंड में कार्य परिवर्तन कर दूसरा कार्य भी किया जा रहा (Mungeli News) है। भवन की समस्या को दरकिनार रख स्कूलों में टाइल्स लगवाए जा रहे।

एचएम पदोन्नति में भी नियमों का पालन नहीं : इसी तरह से प्रधान पाठक पदोन्नति में भी डीपीआई के निर्देशों का पालन नही किया गया था। वैसे ही शिक्षा विभाग द्वारा एरियर्स भुगतान नहीं किया गया है।

विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन पर शाला विकास समिति एवं जिला स्तर पर शिक्षा समिति के पदाधिकारियों की उपेक्षा कर मनमर्जी कार्य कराये जाने से जनप्रतिनिधियों में आक्रोश है।

शिक्षा समिति से न तो जानकारी ली जा रही है और न ही शिक्षा समिति की बैठक बुलाई जा रही है। इसी प्रकार का आरोप शाला विकास समिति के पदाधिकारियों ने भी लगाया है।

शिक्षा समिति की अवहेलना कर रहे डीईओ : इस संबंध में शिक्षा समिति के अध्यक्ष एवं जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजीत बनर्जी ने बताया कि शिक्षा अधिकारी के द्वारा शिक्षा स्थायी समिति के बैठक की लगातार अवहेलना की जा रही है। स्थायी समिति बैठक बुलाये जाने के लिये शिक्षा अधिकारी को पत्र प्रेषित करने के बाद भी बैठक नही हो पा रहा है

जिसके चलते शासन की विभागीय योजनाओं की जानकारी पदाधिकारियों तक नही पहुंच पा रही है। इस संबंध में कलेक्टर से लेकर उच्चाधिकारियों से शिकायत की गई है। कलेक्टर से इस संबध मे जानकारी लेने का प्रयास किया गया किन्तु कलेक्टर से सम्र्पक नहीं हो पाया।

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