Site icon Navpradesh

हर पखवाड़े होते हैं हादसे, विभाग को बड़ी दुर्घटना का इंतजार

नवप्रदेश संवाददाता
मुंगेली। जिला बनने के बाद बिलासपुर से मुंगेली केा जोडऩे वाली मुख्य मार्ग पर पशासन द्वारा करोडो रूप्ये खर्च कर निमार्ण तो कराया गया पर गुणवत्ता के साथ साथ संकेत सूचक बोर्ड नही लगाये जाने के कारण तथा सढक की किनारे बनी नालियों का आधार हीन बगैर ढाल के निमार्ण कराये जाने से इस निमार्ण पर सवालिया निषान खडा हो रहा है। रोड को बाटने के लिए बनाये गये आधे अधूरे डिवाइडरों के चलते आये दिन दुघर्टनाये घट रही है। पी डब्ल्यू डी को किसी बडी दुर्घटना का इंतजार है ?
जिला बनाने के पूर्व बिलासपुर और मुंगेली को जोडऩे वाली जर्जर मुख्य सड़क के निर्माण की माग तो बहुत समय से थी, जो येन केन प्रकारेण लगभग पूरी भी होने को है, परंतु गीधा से मुंगेली के बीच बनने वाली सड़क ने अधिकारियों के नाको चने चबवा दिए। बनने के कुछ ही महीनों में आई दरारों ने और जगह जगह होने वाले रिपेयरिंग वर्क ने अधिकारियों और ठेकेदार के बीच के कार्यप्रणाली को उजागर कर दिया,, जिसका खामियाजा आज भी मुंगेली वासियों को भुगतना पड़ता है। जिससे न तो अधिकारियों को कोई सरोकार है और न ही ठेकेदार को कोई मतलब, इस मामले में अधिकारियों को कोई सुध और न काम करने वाले ठेकेदार को कोई मतलब।


डिवाइडरों की स्थिति
रोड के बीच बने डिवाइडरों की स्थिति ये है कि हर पखवाड़े इन डिवाइडरों को किसी न किसी दुर्घटना का इंतजार रहता है, आये दिन गीधा से मुंगेली के बीच किसी न किसी वाहन को दुर्घटना ग्रस्त हालात में देखा जा सकता है। अभी हाल ही में डिवाइडरों में किसी भी प्रकार की सूचना नई होने के कारण जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर रेत से भरी हाइवा दुर्घटना का शिकार हुई थी। इसके पूर्व भी पी.डब्ल्यू.डी के एस.डी.ओ. भी इसी सडक पर दर्घटना के षिकार हुए थे।
डिवाइडरों पर संकेत सूचक का अभाव
डिवाइडरों के सुरुवात और अंत मे सूचना के लिये किसी भी प्रकार का कोई व्यवस्था नही है, और अगर है भी तो वो न के बराबर स्थिति में लगाया गया है, वो भी बार बार विभाग को अवगत कराने के बाद, जो आज भी आधाआधुरा पड़ा है, विभाग की ओर से जिसकी कोई सुध नहीं ली जाती हैं।


चातरखार को जाने वाली सड़क
हाल ही में हुए दो बड़े चुनाव में ग्राम चातरखार स्थित शासकीय कृषि विज्ञान महाविद्यालय को स्ट्रांग रूम के रूप में बनाया गया था, जहां 23 मई को मतगणना होनी बाकी हैं, मुंगेली से कवर्धा मुख्य मार्ग में सेंट जेवियर स्कूल के पास इतने बड़े बड़े गड्ढे है जिसके रिपेयरिंग की सुध भी विभाग को नही रही। मुगेली से चातरखार जाने वाले सडक पर कस्तुरबा हास्टल के पहले पुल पर मिट्टी धस जाने के कारण और पुल के टुट जाने की वजह से बडा सा गढ्ढा हो गया है जो सडक से जुडा हुआ है जिस पर कभी भी गंभीर हादसा होने की संभावना बनी हुई है। इस सडक से अभी वर्तमान में बडे बडे अधिकारियों का आना जाना लगा हुआ है। इसके बावजूद इन गढढो की तरफ ध्यान न जाना समझ के परे है।
बहुप्रतीक्षित बायपास
गीधा से बनने वाले बायपास की स्थिति का अंदाज लगाना लगभग नामुमकिन सा है कि उक्त बायपास पर पूरा हो पाएगा। सौन्दर्यी करण के लिहाज से किये गये वृक्षा रोपण के लिए उक्त बायपास में लााखो रूप्ये खर्च किये गये । परंतु वर्तमान स्थिति में न तो वहा पर व्यवस्थित रूप से पौधे है और न ही सकड का काम पुरा समय में पुरा होने की आषा है । इसी तरह लोरमी बायपास में हो रहे नाली निमार्ण की बात की जाय जो जिस प्रकार नाली का निमार्ण कार्य किया जा रहा है। उसको देखते हुए यही प्रतित होता है कि ये कार्य महज खानापूर्ति के निमित्त कराया जा रहा है। इससे आम जनता को होने वाली असुविधाओं से प्रषासन को कोई सरोकार रही है। उक्त निमार्ण कार्य के चलते नगर में टेफिक व्यवस्था भी लगभग चरमारा सी गई है। नगर के सबसे व्यस्तम चैक बालानी चैक के सकरा होने के कारण चैक के दोनो ओर वाहनो की लम्बी कतारे देखने को मिलती है। जिसके वजह से वजह से लोगों को भारी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है।

Exit mobile version