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जलकुंभी से पटी आगर नदी, पानी के प्रवाह रूका, नालियों से बहकर गंदा पानी नदी में जमा होने से हो रही प्रदूषित

नवप्रदेश संवाददाता
मुंगेली। गर्मी के मौसम आते ही आगर नदी में पानी के प्रवाह रूका। शहर की नालियों से बहकर गंदा पानी नदी में एकत्रित हो रहा है। नाली के दूषित पानी के चलते आस-पास का वातावरण भी दूषित हो चुका है। नदी जलकुंभी से पट गया है।
क्षेत्र के जीवनदायनी आगर नदी शहर की नालियों का पानी जमा होने से प्रदूषित हो गई है। प्रदूषण के चलते नदी के किनारे बसने वालों को अपने घर में रह पाना मुश्किल हो रहा है। थाना सिटी कोतवाली के पीछे थाना के पीछे राजा कुआ के नाम से प्रसिद्ध कुआ है। एक समय शहर की लगभग 40 प्रतिशत आबादी इसी कुऐ से पानी पीते थे। जो इस प्रदूषण के कारण कुऐ का पानी पीने योग्य नही रहा। अंतत: धीरे-धीरे यह कुऐ का अस्तित्व ही खत्म हो गया है। नदी में सफाई के अभाव में कचरे एवं मरे हुए जानवरो को भी फेक दिया जाता है। जिसके कारण नदी के किनारे रहने वालो की स्थिति नर्कमय हो गयी है। पूरे शहर के गंदे पानी के साथ-साथ नदी में ही कचरा डाल देने से प्रदूषण से आगर नदी पूरी तरह प्रदूषित हो गई है। जल्द ही इस दिशा में ध्यान नही दिया गया तो आने वाले समय में बीमारी फैलने की आशंका लोगो द्वारा व्यक्त की जा रही है। मृत्यु पश्चात क्रियाकर्म के लिए शहर वासियों को परेशानी उत्पन्न होने लगी है। वर्षो से शहर में यह प्रचलन रहा है कि मृत्यु के पश्चात दशकर्म आदि क्रियाओं के लिए शहर के बीचो-बीचों प्रवाहित आगर नदी पर निर्भर रहे है।
किंतु नदी के दूषित हो जाने के बाद मरणोपरान्त किये जाने वाले क्रियाओं के लिए शहर वासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी प्रकार जानवरो को धोने व शहर के धोबियों के लिए भी नदी का प्रदूषित होना एक विकराल समस्या बनकर सामने आयी है।

निकासी की योजना बनाई जायेगी
आगर नदी को साफ रखने के लिए शहर की नालियों से निकलने वाले गंदे पानी को अलग से निकासी की योजना बनाई जायेगी। नदी की सफाई हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। स्वीकृति पश्चात इस पर कार्य किया जायेगा।
डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, कलेक्टर मुंगेली

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