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MP effect: छग से राज्यसभा के लिए खड़गे के नाम की चर्चा, इनका पत्ता हो…

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रायपुर/नई दिल्ली/ नवप्रदेश। मध्य प्रदेश (mp political crisis effect in cg) में चल रही सियासी उठापटक का असर छत्तीसगढ़ में भी नजर आता प्रतीत हो रहा है। माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में सिर्फ राज्यसभा की रणनीति के तहत इतना बड़ा महाभारत हो गया। इधर छत्त्तीसगढ़ (chhattisgarh rajyasabha election) में भी अब राज्यसभा के लिए माथापच्ची होने के आसार हैं।

सूत्रों के मुताबिक, छत्त्तीसगढ़ से वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (mallikarjun kharge to go to rajyasabha from chhattisgarh) को राज्यसभा भेजे जाने की बात निकलकर सामने आ रही हैं। ऐसे में पहले से ही राज्यसभा के लिए आस लगाए बैठे प्रदेश के किसी न किसी कांग्रेस नेता का पत्ता कट होने के पूरे आसार हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ (chhattisgarh rajyasabha election) से अप्रैल में राज्यसभा की दो सीटें रिक्त हो रही हैं- एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा व दूसरी भाजपा नेता रणविजय सिंह जूदेव की। ज्ञात हो कि भाजपा ने बुधवार को जारी अपने प्रत्याशियों की पहली सूची में छत्तीसगढ़ से किसी के भी नाम का ऐलान नहीं किया है।

…तो देवांगन की राह न हो जाए मुश्किल

छग विधानसभा में कांग्रेस के संख्याबल के आधार पर दोनों ही सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों का ही चुना जाना तय है। सूत्र बताते हैं कि अब तक कि स्थिति में मोतीलाल वोरा का राज्यसभा जाना तो तय हैं। वहीं प्रदेश से राज्यसभा के लिए कांग्रेस से दूसरा चर्चित नाम गिरीश देवांगन का है। गिरीश प्रदेश कांग्रेस कमेटी (प्रशासन) के महासचिव हैं। लेकिन जैसा कि सूत्र बता रहे हैं, यदि खड़गे (mallikarjun kharge to go to rajyasabha from chhattisgarh) के नाम पर मुहर लग गई तो गिरीश की राज्यसभा की राह मुश्किल हो जाएगी। बता दें कि मल्लिकार्जुन खड़गे लोकसभा में कांग्रेस के नेता हुआ करते थे, लेकिन 2019 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद अभी वे संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।

इसलिए बिगड़ा गणित

दरअसल बताया जा रहा है कि कांग्रेस का गणित मध्य प्रदेश (mp political crisis effect in chhattisgarh) में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने से व मध्य प्रदेश के बदले हुए राजनीतिक हालातों के कारण बिगड़ गया है। मध्य प्रदेश की तीन सीटों पर चुनाव होना है। इसमें से पहले माना जा रहा था कि कांग्रेस को दो सीटें मिल जाएंगी। लेकिन अब 22 विधायकों के इस्तीफों की खबर से कांग्रेस के खाते में दो सीटें आती मुश्किल दिखाई दे रही हैं।

… तो एमपी से हो जाता एडजस्टमेंट

यदि मध्य प्रदेश में स्थिति पहले की तरह ही होती शायद केंद्र के बड़े नेता को मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजा जा सकता था। लेकिन अब वहां से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पहले से ही प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन के राज्यसभा के नामों को लेकर पूरी तरह आलाकमान पर आश्रित हो जाने के आसार है। उल्लेखनीय है कि भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा ने राज्यसभा के लिए मध्य प्रदेश से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।

 खड़गे के आसार इसलिए भी

इससे पहले छत्तीसगढ़ में ऐसा हो चुका है जब कांग्रेस के केंद्रीय स्तर के बड़े नेता को यहां से राज्यसभा के लिए भेजा गया हो। उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाली वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहसिना किदवई को छत्तीसगढ़ से राज्यसभा के लिए भेजा चुका है। किदवई केंद्र में कांग्रेस की सरकार रहते मंत्री पद संभाल चुकी हैं।

वे अभी भी कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मेंबर हैं। उनका कार्यकाल खत्म होने पर कांग्रेस से छाया वर्मा अभी इस सीट का राज्यसभा में नेतृत्व कर रही हैं। कांग्रेस में अभी कुछ किदवई जैसी स्थिति ही खड़गे की भी है। वे केंद्र में मंत्री रह चुके हैं और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य भी हैं।

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