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MP News : पैरा एथलीट आइसक्रीम बेचने को मजबूर

MP News : Para athlete forced to sell ice cream

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रीवा/नवप्रदेश। MP News : खेल व खिलाडय़ों को लेकर सरकारें कई तरह सपने दिखा रही हैं लेकिन जमीन पर इनकी हकीकत बिल्कुल उलट है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि मध्य प्रदेश के रीवा जिले में आइसक्रीम बेचने को मजबूर दिव्यांग सचिन साहू के हालात बयां कर रहे हैं। पैरा एथलीट सचिन अपना ठेला राकेश आइसक्रीम सेंटर के नाम से रीवा में ढेकहा तिराहे पर लगाते हैं और यहीं उनके माता-पिता और भाई बहनों की गुजर बसर का साधन है।

ये इस देश का और यहां की लीडरशिप का दुर्भाग्य है कि उनको (MP News) अपने यहां की प्रतिभा नजर नहीं आती। इससे पहले विशेष ओलिंपिक में दो कांस्य पदक जीतने वाली सीता साहू के समोसे बेचने की खबरें भी सुर्खियां बनी थी। सचिन ने बताया उन्होंने चार साल की कठिन मेहनत के बाद ओडिशा के भुवनेश्वर में कलिंगा स्टेडियम में आयोजित एथेटिक्स की 20वीं नेशनल चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मैडल जीता था। प्रतियोगिता 28 मार्च से 31 मार्च के बीच हुई थी। सचिन साहू का बायां पैर छोटा है, उन्होंने 400 मी की रेस 1. 17 सेकंड में पूरी की थी।

क्रिकेट में सफलता नहीं मिली तो एथेलेटिक्स में खुद को आजमाया

सचिन ने 2015 से 2019 तक क्रिकेट खेला लेकिन दिव्यांग होने के कारण क्रिकेट में कुछ खास सफलता हाथ नहीं लगी। इस बीच ग्वालियर के एथेलेटिक्स कोच बीके धवन से सम्पर्क हुआ जिन्होंने एथिलेटिक्स में आने को कहा। हालाँकि एथेलेटिक्स की भी डगर आसान नहीं रही सबसे पहले ग्वालियर में ट्रायल हुआ वहा से स्टेट टीम में सिलेक्शन होने पर भोपाल स्टेडियम पहुंचा जहा कई दौर के प्रशिक्षण के बाद 2020 में नेशनल क्वालीफाई किया गया।

लेकिन कोविड के कारण प्रतियोगित रूक गई बाद में 2021 में 100 मीटर की प्रतियोगिता आयोजित (MP News) हुई जिसमे सचिन को चौथा स्थान मिला। सचिन उमरिया जिले के असोढ के समीप पटना गांव के रहने वाले है। परिवार में माता पिता के साथ चार बहनें और दो भाई हैं। परिवार की माली हालत अच्छी नहीं है जिसके चलते उन्हें आइसक्रीम का ठेला लगाना पड़ता है। सचिन चौथी रैंक आने के बाद भी हतास नहीं हुए और लगातर प्रेक्टिस कर रहे हैं।

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