एंटीगुआ/नवप्रदेश। Most Wanted : भारत के मोस्ट वांटेड भगोड़े व्यवसायियों में शामिल मेहुल चोकसी को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। एंटीगुआ के फाइनेंसियल क्राइम इ अधिकारी केनिथ रिजौक ने अपने जांच के दौरान पता लगाया है कि मेहुल ने एंटीगुआ के कई बड़े अधिकारियों को अपनी सुरक्षा के लिए रिश्वत दिया है। इस बात की खुलासा केनिथ रिजौक ने समाचार मैगजीन के एक आर्टिकल में दिया है। उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी है कि जल्द ही उनको गिरफ्तार कर भारत भेजने की तैयारी की जा रही है।
कई वरिष्ठ अधिकारियों को दे चुका है रिश्वत
केनिथ रिजौक ने बताया कि मेहुल (Most Wanted) ने कोर्ट की कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए कई बड़े अधिकारियों को रिश्वत दी है। यहां तक कि मेहुल ने एंटीगुआ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एडोनिस हेनरी को भी रिश्वत दिया है। केनिथ ने अपने रिपोर्ट में लिखा है कि ऐसे कई चश्मदीद गवाह है जिन्होंने कहा कि मेहुल और पुलिस अधिकारी हेनरी ने एक दिन में तीन बार अल पोर्टो में मिले हैं जो कि एक जॉली हॉर्बर रेस्तरां है और यह मेहुल चोकसी का ही है।
इन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि मेहुल ने न सिर्फ हेनरी को रिश्वत दिया बल्कि इसने एंटीगुआ के मजिस्ट्रेट कोनलिफ क्लार्के को भी अवैध तरीके से पैसे देने की कोशिश की है। रिजॉक ने अपने रिपोर्ट में लिखा है कि भगौड़ा मेहुल एंटीगुआ से भागना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा था जिसके बाद उसने खुद के अपहरण की साजिश रची। वो भागकर क्यूबा जाना चाहता था क्योंकि भारत और क्यूबा के बीच प्रत्यर्पण संधि नहीं है। जांच के दौरान इस बात का भी खुलासा किया गया है कि मई 2021 में डोमेनिका के तट पर फेंक दिया गया था क्योंकि इसने जहाज चालकों को पैसे देने से मना कर दिया था।
कोर्ट ने पहले ही सुना दिया था फैसला
हालांकि, एंटीगुआ के एक कोर्ट ने चोकसी को वापस उसके मूल देश यानी भारत प्रत्यर्पण करने का आदेश दिया था लेकिन मेहुल ने रिश्वतखोरी के जरिए इस फैसले को लंबे समय के लिए अटका दिया था। भारत का भगौड़ा व्यवसायी ने एंटीगुआ से व्यवसायी पासपोर्ट हासिल करने के बाद भारतीय न्यायलयों और कानून से पूरी तरह से दूरी बना ली थी। लेकिन इसके बावजूद इसकी गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल रेड नोटिस जारी किया गया है।
आपको बता दें, साल 2018 में देश छोड़ने से पहले मेहुल (Most Wanted) ने भारत में पंजाब नेशनल बैंक के साथ घोटाला किया था। रेड नोटिस उनके लिए जारी किया जाता है जिन्हें गिरफ्तार कर प्रत्यर्पित कर दिया जाता है। यह नोटिस वैध राष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट के आधार पर एक सदस्य देश या अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकण के अनुरोध पर सचिवालय द्वारा जारी किया जाता है। पीएनबी बैंक की ओर से आरोप लगाया गया है कि उनके दो कर्मचारियों ने बिना बैंक को जानकारी दिए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) जारी कर दिया था।