-आदिवासी समाज हो या सतनामी समाज प्रदेश की भाजपा सरकार इसे सुरक्षा देने में विफल
रायपुर/नवप्रदेश। Monsoon session of CG Assembly : छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन ही विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरना शुरू कर दिया है। सदन में आज विधायक कवासी लखमा ने बलौदाबाजार में हुई हिंसा पर चर्चा करने की मांग की। वहीं विधायक लखमा ने कहा कि इस सरकार पर भरोसा नहीं रहा यहां एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री होने के बावजूद प्रदेश को संभालने में असमर्थ है।
वहीं विधायक लखमा ने कहा कि प्रदेश में कोई भी समाज सुरक्षित नहीं है। चाहे वह आदिवासी समाज हो या सतनामी समाज प्रदेश की भाजपा सरकार इसे सुरक्षा देने में विफल है। वहीं कांग्रेसी विधायक ने सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश में जब से भाजपा सरकार बनी है पुलिस अंग्रेजों की हुकूमत की तरह बदले की भावना से काम कर रही है। सिर्फ एसपी और कलेक्टर को सस्पेंड करने से कुछ नही होता यह बड़ा इंटेलिजेंस फेलियर है। वहीं कांग्रेसी विधायक ने प्रदेश के ग्रहमंत्री के इस्तीफे की मांग कर दी।
सदन में आज विपक्ष की ओर से चर्चा की मांग की गई जिसे विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव को किया खारिज कर दिया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रस्ताव को ख़ारिज किए जाने का विरोध किया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शार्मा ने इस मामले में अधूरी जानकारी दी है। हम इस प्रस्ताव पर चर्चा करना चाहते हैं। सदन से मांग की एक बार पुनर्विचार कर प्रस्ताव को चर्चा के लिए लाना चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया जिसके बाद विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया। विपक्ष विधायकों ने सदन में सतनामी समाज का अपमान करना बंद करो के नारे लगाए। सतनामी समाज को न्याय देने के नारे लगाते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के इस्तीफे की भी मांग की। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू हो, डबल इंजन की सरकार फेल है। जिसके बाद सदन की कार्रवाई दोपहर 3 बजे तक के लिए किया कर दी गई।