रायपुर/नवप्रदेश। Monitoring Cell : सोशल मीडिया में अब आपत्तिजनक मैसेज, इमेज या वीडियों डालना भारी पड़ेगा। सोशल मीडिया के प्लेटफार्म के यूजर्स को काफी सतर्कता बरतनी होगी अन्यथा जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। यही कारण है कि अब कुछ भी पोस्ट करने से पहले सोचे, समझे और फिर सोशल मीडिया में पोस्ट करें।
दरअसल, बीते दिनों CM भूपेश ने कलेक्टर्स और प्रदेश के आईजी और एसपी की मैराथन बैठक में ये फरमान जारी किया था कि भ्रामक जानकारी फैलाने वालों पर सख्ती बरती जाये। जिससे प्रदेश में अफवाह की स्थिति न बनें।
CM के निर्देश के बाद अब रायपुर के पुलिस कप्तान प्रशांत अग्रवाल ने सोशल मीडिया निगरानी और मॉनिटरिंग सेल का गठन किया है। जिसके माध्यम से रायपुर पुलिस की पैनी निगाहें हर उस कंटेंट और संदेश पर होगी जो सामाजिक समरसता और कानून को चुनौती देने वाली है।नवगठित सेल की जिम्मेदारी जिले के सायबर सेल प्रभारी गिरीश तिवारी को दी गई है। उनके साथ टीम में एक प्रधान आरक्षक महेंद्र राजपुत और दो आरक्षक चिंतामणि साहू, टेक सिंह मोहले को रखा गया है।
गौरतलब है कि सोशल मीडिया के जरिये प्रदेश में बिगड़ रहे असामाजिक तत्वों पर नकेल कसने पुलिस ने कदम उठा लिया है। ऐसे में सौहाद्र को क्षति पहुंचाने समेत तमाम ऐसे विषय जो समाज को नुकसान पहुंचते है, या फिर किसी महापुरुष, संत, धर्म गुरु समेत प्रतिष्ठित लोगो के ख़िलाफ़त में भड़काने का प्रयास करती हो उसे तत्काल रोका जा सके। इसके साथ ही तत्काल इस पर पटाक्षेप कर सामाजिक सौहाद्र को बनाने रखने की दिशा में काम करें।
रायपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल ने सेल के गठन के बाद मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार क़ानून व्यवस्था से जुड़े विषयों से संबंधित मैसेज की निगरानी और मॉनिटरिंग के लिए विशेष दल गठित किया गया है। इस टीम का काम उन लोगो को टारगेट करना है जो अफ़वाह फैलाते है या फिर समाज में सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने की कोशिश करते है। ऐसे लोगो के खिलाफ ये टीम कार्यवाही कर उन्हें जेल दाखिल करने का काम भी करेगी।