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बुलेट ट्रेन का वादा करने वाले मोदी पैसेंजर ट्रेन भी नहीं चला पा रहे … महंगाई बढाने वाले BJP नेता गरीबों के हितैषी बनने का ढोंग न करें : राजेंद्र साहू

दुर्ग/नवप्रदेश। कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने रायगढ़ में हुई सभा में पीएम नरेंद्र मोदी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मोदी ने 2022 तक सभी आवासहीनों को पीएम आवास, बुलेट ट्रेन चलाने, किसानों की आय दोगुना करने और महंगाई कम करने के वादे किये थे। देश की जनता से किये गए वादों को पूरा करने में पीएम मोदी पूरी तरह फेल हो गए। बेतहाशा महंगाई बढ़ाकर गरीबों की कमर तोड़ने वाले मोदी को गरीबों के हितों की बात करना शोभा नहीं देता।

राजेंद्र ने कहा कि 2014 में पीएम बनने से पहले देश की जनता से किये गए वादों पर मोदी क्यों नहीं बोलते ? हालत ये है कि बुलेट ट्रेन का वादा करने वाले मोदी पैसेंजर ट्रेन तक नहीं चला पा रहे हैं। हजारों ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है। हर दिन लाखों रेलयात्री परेशान हो रहे हैं। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस के रेट बढ़ाकर हर व्यक्ति पर महंगाई थोप दी। समर्थन मूल्य न बढ़ाने से देश के अधिकांश राज्यों में किसानों की आय बढ़ने की बजाय कम हुई है।

राजेंद्र ने कहा कि दस साल पहले मोदी समेत सभी भाजपा नेताओं ने देशवासियों को बड़े-बड़े सपने दिखाए थे। ये सपने आज तक पूरे नहीं हुए। मोदी राज में देश की दुर्दशा हो गई। महंगाई से देश की जनता त्रस्त हो चुकी है। करोड़ों लोगों की नौकरी छिन गई। बेरोजगारी की मार से देश के युवा परेशानहाल हैं।

राजेंद्र ने कहा कि भूपेश सरकार पर झूठा आरोप लगाने से पहले मोदी समेत अन्य भाजपा नेताओं को राज्य में गरीबों के हित में किये गए कार्यों का अध्ययन कर लेना चाहिए। गरीबों और जरूरतमंदों के हित में योजनाओं के लिए भूपेश सरकार को देश में सबसे अच्छी रैंकिंग मिली है। भूपेश सरकार ने उल्लेखनीय कार्य किये हैं।

किसानों को देश में सबसे ज्यादा समर्थन मूल्य, भूमिहीन मजदूरों को हर साल 7 हजार रुपए, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, रोजगार के अवसर, आदिवासियों को ज्यादा समर्थन मूल्य पर वनोपज खरीदी जैसी सौगात देकर कल्याणकारी कार्य भूपेश सरकार ने ही किये हैं। मोदी सरकार ने पिछले साढ़े 9 साल में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ाने के सिवा किया क्या है ?

राजेंद्र ने कहा कि मोदी सरकार नोटबंदी, जीएसटी, कोरोना काल में 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा पूरी तरह असफल साबित हुई। पीएम नरेंद्र मोदी को अपनी सरकार के कामकाज और नीतियों पर भरोसा होता तो वे उपलब्धियों के आधार पर वोट मांगते। मोदी अभी भी सिर्फ कांग्रेस को कोस रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री के रूप में दूसरे कार्यकाल में भी उनके पास उपलब्धियों के नाम पर कुछ भी नहीं है।

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