नई दिल्ली, नवप्रदेश। गोरखपुर रह चुकी इस महिला की कहानी वाकई में काफी प्रेरणादायक है और कभी हार न मानने की सीख देती है। सिमरन गुप्ता ने 2018 में मिस गोरखपुर का खिताब जीता था। लेकिन कोरोना काल की वजह से उनका करियर डूबने की कगार पर पहुंच (Model Chai Wali) गया। इसलिए उन्होंने चाय बेचने का फैसला किया।
सिमरन का कहना है कि उन्होंने परिवार को सपोर्ट करने के लिए चाय बेचनी शुरू की। उनकी दुकान का नाम मॉडल चायवाली है।
परिवार की कमाई कम थी। इतना ही नहीं मिस गोरखपुर का भाई दिव्यांग है। सिमरन ने बताया कि उन्होंने नौकरी भी की थी लेकिन सैलरी कई महीनों तक पेंडिंग रहने के चलते उनके दिमाग में खुद का काम शुरू करने का आइडिया आया।
सिमरन के पिता को उनकी बेटी पर गर्व हैष पिता कहते हैं कि जब उनकी बेटी मॉडल बनी थी, तब भी वो खुश थे और जब बेटी ने चाय बेचने का फैसला किया, तब भी उन्हें खुशी (Model Chai Wali) है।
सोशल मीडिया पर कई लोग मिस गोरखपुर को सपोर्ट करते दिखाई दिए। उनकी दुकान पर आए लोग अक्सर उनकी बनाई चाय (Tea) की तारीफ करते नजर आते हैं। इस मॉडल ने ये साबित कर दिया कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। लड़कियां किसी भी काम में कामयाबी हासिल कर सकती (Model Chai Wali) हैं।