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आर्थिक तंगी में मनरेगा योजना बनी सहारा, दिव्यांग दंपति को मिली राहत

MNREGA's support for disabled couple, relief from financial crisis

MNREGA

-मनरेगा श्रमिकों को पानी पिलाकर कर रहे जीवन यापन

रायपुर/नवप्रदेश। MNREGA: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना बनी दिव्यांग दंपति का सहारा। यह कहानी ग्राम पंचायत खजुरी जनपद पंचायत प्रतापपुर जिला सूरजपुर के दिव्यांग पति व पत्नी की है। जो जन्म से ही आंखों की रोशनी खो चुके हैं विवाह के बाद जीवन यापन में आई आर्थिक तंगी मे मनरेगा योजना सहारा बना है। जन्म से ही इस दिव्यांगता के अभिशाप को ढोकर चल रहे दंपत्ति के सामने आर्थिक मदद के तौर पर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं के पहल से जिला प्रशासन के द्वारा इनकी जीवन शैली में सुधार हेतु कई योजनाओं का लाभ देते हुए इस दंपत्ति का मनरेगा में जॉब कार्ड बनाया गया और दंपत्ति कार्यस्थल पर मजदूरों को पानी पिलाकर अपने कर्तव्य का निर्वहन भी कर रहे हैं।

ग्राम पंचायत खजुरी में श्यामसाय पैकरा एवं उनकी पत्नी निरपति दोनो आंखों से दिव्यांग है। इनके पास कोई काम नहीं होने की स्थिति में सोसायटी से मिलने वाला राशन एवं निरपति को मिलने वाला पेंशन ही इनके जीवन निर्वाह करने का साधन था। बढ़ती महंगाई में दम्पत्ति को आर्थिक समस्याओं का सामना कर पड़ रहा था, जिससें जिला प्रशासन के सामने गुहार लगाकर अपने लिए रोजगार सृजन किया व मनरेगा में जाबकार्ड बनवा कर मजदूरों को पानी पिलाकर जीवनयापन कर रहे हैं। आर्थिक और कई समस्याओं से जूझ रहे इस दिव्यांग जोड़े के नाम जॉबकार्ड जारी होने तथा अब मजदूरी मिलने के बाद इनके सामने भरण पोषण की समस्या खत्म हो गई है।

जिला प्रशासन के नजर में आने से इनको जिला प्रशासन की ओर से प्रोत्साहन राशि भी प्रदान किया जा रहा हैं। बहरहाल जन्म से ही इस दिव्यांग दंपत्ति (MNREGA) के सामने आर्थिक मदद के तौर पर मनरेगा जॉंबकार्ड जारी कर रोजगार उपलब्ध करा दिया गया है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इस दम्पत्ति ने विकट परिस्थिति में भी भीख मांगकर गुजारा करने की बजाय अपने लिए रोजगार का सृजन किया है और कार्यस्थल पर मजदूरों को पानी पिलाकर अपने कर्तव्य का निर्वहन भी कर रहे हैं। शासन की मंशानुरूप मनरेगा इस बेसहारा परिवार के लिए बड़ा सहारा बन गया है।

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