-विधायक के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद मोबाइल नंबर को ट्रैक किया
-रिकॉर्डिंग सुनी गई तो उसमें रिश्वत की रकम का जिक्र किया
जयपुर। MLA Jai Krishna Patel: भारत आदिवासी पार्टी के विधायक जयकृष्ण पटेल एक बार राजस्थान विधानसभा में भ्रष्टाचार के खिलाफ पोस्टर लेकर प्रदर्शन करते नजर आए। आज वही विधायक भ्रष्टाचार के मामले में एसीबी के जाल में फंसे हैं। विधायक लगातार अवैध खनन के लिए खनन माफिया को दोषी ठहराते रहे और सरकार पर उन्हें संरक्षण देने का आरोप लगाते रहे। लेकिन वही विधायक खनन माफिया से करोड़ों की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार हो गए। जयकृष्ण पटेल पहली बार विधायक बने हैं और राजस्थान के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी विधायक को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है।
इस मामले में एसीबी के पुलिस महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश ने बताया कि विधायक जयकृष्ण पटेल और उनके करीबी सहयोगियों के फोन रिकार्ड में हैं। कॉल रिकॉर्डिंग से साफ पता चला कि रिश्वत मांगी जा रही थी। रविवार, 4 मई को जब 20 लाख रुपये की रिश्वत दी गई तो यह सब एक गुप्त कैमरे में रिकॉर्ड हो गया। विधायक जयपुर विधायक निवास के बेसमेंट में नकदी गिन रहे थे, जिसके बाद उनके चचेरे भाई विजय और एक व्यक्ति ने यह रकम दी।
इसके बाद विधायक (MLA Jai Krishna Patel) अपने कमरे में चले गए। जब एबीसी टीम ने वहां छापा मारा तो नकदी तो नहीं मिली, लेकिन जब विधायक ने हाथ धुलवाए तो नोटों पर लगी स्याही निकल गई। इसी आधार पर विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया। एसीबी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि विधायक की गिरफ्तारी के लिए ठोस सबूत मौजूद हैं।
सुबह 10.16 बजे विधायक जयकृष्ण पटेल को उनके वाहन में नकदी प्राप्त हुई। उन्होंने वहीं नोट गिनना शुरू कर दिया। इसके बाद उसने यह रकम अपने चचेरे भाई को सौंप दी। विजय और एक अन्य व्यक्ति विधायक से नोटों से भरा बैग लेकर वहां से चले गए। इसके बाद विधायक कार से उतरकर अपने कमरे की ओर चले गए। एसीबी की टीम सुबह 10.30 बजे विधायक के घर पहुंची। एसीबी ने रिश्वत लेने के 14 मिनट बाद यह कठोर कार्रवाई की।
एसीबी ने विधायक के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद उनके मोबाइल नंबर को ट्रैक किया था। जब रिकॉर्डिंग सुनी गई तो उसमें रिश्वत की रकम का जिक्र किया गया। एसीबी ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। रिकॉर्डिंग में विधायक को विधानसभा में सीधे सवाल उठाने की धमकी देते हुए सुना गया। विधायक ने कहा कि अगर उन्हें 10 करोड़ रुपये नहीं दिए गए तो वह माफी मांग लेंगे। लेकिन जब यह कहा गया कि यह रकम बहुत ज्यादा है तो 2.5 करोड़ में सौदा तय हुआ। इस राशि की पहली किस्त 20 लाख रुपये नकद रविवार को विधायक को दी गई। इस पर एसीबी ने कार्रवाई की।