Minister Tamradhwaj Sahu reply to opposition : मंत्री साहू ने अपने विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा का विपक्ष को दिया करारा जवाब
रायपुर/नवप्रदेश। Minister Tamradhwaj Sahu reply to opposition : विधानसभा में गुरुवार को मंत्री ताम्रध्वज साहू के विभागों-गृह, पर्यटन, धर्मस्व, जेल व पीडब्ल्यूडी की अनुदान मांगों पर चर्चा हुई। भाजपा के शिवरतन शर्मा ने इन अनुदान मांगों का विरोध करते हुए अपनी बात रखी। जवाब में गृह तथा उक्त अन्य विभागों के मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भाजपा सदस्यों के आरोपों का सिलसिलेवार तरीके से जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि आज मादक पदार्थों के अवैध व्यापार व अपराधोंं की बात की जा रही है। लेकिन हकीकत यह है कि पूर्ववर्ती सरकार ने अपने 15 साल के कार्यकाल में ही मादक पदार्थों का अवैध कारोबार फलने फूलने दिया। अब हमारी सरकार में इस पर नकेल कसी जा रही है। इस अवैध कारोबार में लिप्त लोग पकड़े जा रहे हैं।
उन्होंंने कहा, ‘विपक्ष की ओर से चाकूबाजी व अन्य अपराधों व पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, लेकिन 95-99 फीसदी वारदातोंं में अभियुक्त पकड़े जा रहे हैं। पुलिस 24 घंटे से तीन दिन के भीतर अपराधियों को पकड़ रही है। अंत में विपक्षी सदस्यों की ओर से पेश कटौती प्रस्ताव अस्वीकृत हो गया और अनुदान मांगों का प्रस्ताव पास हो गया।
किसान आत्महत्या व नक्सल समस्या पर दिया ये जवाब
विपक्ष द्वारा बार-बार उठाए जाने वाले किसान आत्महत्या के मुद्दे पर गृहमंत्री (minister tamradhwaj sahu reply to opposition) ने कहा कि वर्ष 2015 मेंं 854 किसानों ने किसानों ने आत्महत्या की थी। 16 में 585,, 17 में 285, 18 में 182, 19 में 233 तथा 20 में 200 किसानों ने आत्महत्या की। गृहमंत्री ने कहा कि दो साल में बस्तर में कोई फर्जी एनकाउंटर नहीं हुआ है। बल्कि सरकार के हर विकास कार्य में बस्तर प्रमुख प्राथमिकता में है, फिर बात चाहे लघु वनोपज खरीदी की हो, प्रसंस्कर उद्योग की या वन पट्टा वितरण की। स्थानीय युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए नियम भी शिथिल किए गए हैं।
ऐसा कोई अपराध नहीं बचा जो छग में नहीं होता : शर्मा
शिवरतन शर्मा ने अनुदान मांगों का विरोध करते हुए कहा कि ऐसा कोई अपराध नहीं बचा है, जो छत्तीसगढ़ में नहीं हो रहा है। दिनहदहाड़े चाकूबाजी, हत्या, लूट, अपहरण, डकैती की घटनाएं हो रही है। अवैध शराब, नशाखोरी से अपराध, दुष्कर्म, शीलभंग के अपराधों का आंकड़ा नित नए रिकॉर्ड बना रहा है। महिलाएं सुरक्षित नहीं है। सरकारी दबाव में पुलिस ठीक से काम नहीं कर पा रही है। कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई। जेल विभाग में पिछले बजट में जो प्रावधान किए गए थे, उनसे संबंधित काम होते नहीं दिखे।